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24-Sep-2025
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न्यूयॉर्क,(ईएमएस)। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का संयुक्त राष्ट्र में दिया गया भाषण चर्चा का केंद्र बन गया है। इसकारण उन्होंने अपने भाषण का समापन कई धर्मों के अभिवादन के साथ किया। जिसमें हिंदू धर्म में कहे जाने वाले ओम शांति, शांति ओम का भी जिक्र था। दरअसल यूएन महासभा के 80वें सत्र को संबोधित कर सुबियांतो ने वैश्विक शांति, न्याय और समान मौकों की वकालत की। उन्होंने चेतावनी दी कि मानवीय मूर्खता, जो भय, नस्लवाद, नफरत, उत्पीड़न और रंगभेद से प्रेरित है, वह हमारे साझा भविष्य को खतरे में डाल रही है। अपने भाषण को उन्होंने संस्कृत मंत्र ॐ शांति, शांति ॐ के साथ समाप्त किया, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सामंजस्य का संदेश देता है। राष्ट्रपति सुबियांतो ने घोषणा की कि इंडोनेशिया शांति के लिए 20,000 या उससे अधिक सैनिकों को गाजा या फिलिस्तीन के अन्य क्षेत्रों में तैनात करेगा है। उन्होंने कहा, इंडोनेशिया आज संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा बलों में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है। हम केवल शब्दों से नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्रवाई के साथ शांति चाहते है। गाजा में विनाशकारी स्थिति पर चिंता जताते हुए, जहां निर्दोष लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं, उन्होंने कहा, राष्ट्रों के समुदाय को इस तबाही को रोकने के लिए निर्णायक रुख अपनाना होगा, अन्यथा विश्व अंतहीन युद्धों और बढ़ती हिंसा के खतरनाक दौर में प्रवेश करेगा। अपने भाषण के अंत में, उन्होंने विभिन्न धार्मिक अभिवादन अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाहि वबरकातुह, शालोम, साल्वे, ओम शांति शांति शांति ओम के साथ सभी को शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा, एकमात्र समाधान यही है कि अब्राहम के दो वंशज, दो राष्ट्र, सुलह, शांति और सामंजस्य में एक साथ रहें। अरब, यहूदी, मुस्लिम और ईसाई एक साथ रहें। राष्ट्रपति ने कहा कि इंडोनेशिया इस दृष्टिकोण को वास्तविकता बनाने में हिस्सा लेने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी देशों से इस नेक लक्ष्य की दिशा में काम करने का आह्वान किया। आशीष दुबे / 24 सिंतबर 2025