पुलिस वैन में लगा दी आग.....पुलिस ने उग्र छात्रों पर लाठीचार्ज किया लेह (ईएमएस)। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह में छात्रों और युवाओं का प्रदर्शन ने तब हिंसक रूप ले लिया, जब प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दफ्तर पर पत्थरबाजी कर ऑफिस को आग के हवाले कर दिया। आंदोलनकारी युवाओं को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इससे लोग और उग्र हो गए और पत्थरबाजी करने लगे। पुलिस कार्रवाई से भड़के प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिस वैन को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने उग्र छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने लेह में भाजपा कार्यालय के बाहर सुरक्षा वाहन को आग लगा दी। उन्होंने बताया कि व्यवस्था बहाल करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के समर्थन में है। इसी मांग को लेकर मशहूर पर्यावरणविद सोनम वांगुचक बीते 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। उन्हीं के समर्थन में छात्रों का बड़ा हुजूम लेह की सड़कों पर उतरा और केंद्र सरकार से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करने लगा। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों की पुलिस से भिड़ंत हो गई और देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की फिर सीआरपीएफ की गाड़ियां फूंक दी। भाजपा दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। हालात को देखकर अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। बता दें कि बुधवार को लोगों ने वांगचुक के समर्थन में लद्दाख बंद का आह्वान किया था। इसके बाद सैकड़ों लोग लेह की सड़कों पर उतर आए थे। जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक और उनके कई साथी 10 सितंबर से 35 दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने 6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया है। इसमें लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्य शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों की चार प्रमुख मांगें हैं। पहली लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। दूसरी, लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करे। तीसरी, लद्दाख में लोकसभा सीटें बढ़ाकर दो करे और चौथी लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी का दर्जा मिले। छात्रों ने इन मांगों के समर्थन में रैली भी निकाली है। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त करते हुए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था। जम्मू-कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश जबकि लेह, लद्दाख और करगिल को मिलाकर एक प्रदेश बनाया गया था। अब उसी लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग उठ रही है। आशीष दुबे / 24 सितंबर 2025