ज़रा हटके
25-Sep-2025
...


एम्स्टर्डम (ईएमएस)। च्युइंग गम सिर्फ स्वाद बदलने या बोरियत दूर करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मुंह में मौजूद बैक्टीरिया और मृत कोशिकाओं को हटाने में भी मदद करता है, बशर्ते इसे सही समय तक ही चबाया जाए। यह दावा किया है नीदरलैंड्स की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रॉनिंगन’ के शोधकर्ताओं ने। इस शोध में पांच अलग-अलग ब्रांड्स की च्युइंग गम को 10 मिनट और 30 मिनट तक चबाकर परीक्षण किया गया। परिणामों से यह स्पष्ट हुआ कि 10 मिनट तक गम चबाने पर मुंह से लगभग 100 मिलियन बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं। यह प्रभाव गम की शुरुआती एक्टिविटी के कारण होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, च्युइंग गम चबाने से लार का प्रवाह बढ़ता है। यह लार बैक्टीरिया और मृत कोशिकाओं को गम में सोख लेती है। शुरुआत में गम एक स्पंज की तरह काम करता है और बैक्टीरिया को खींचता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, इसकी क्षमता कम हो जाती है। 30 मिनट से अधिक चबाने पर गम की सफाई क्षमता कम हो जाती है और यह अपेक्षित लाभ नहीं दे पाता। ‘अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन’ के अनुसार शुगर-फ्री च्युइंग गम को लगभग 20 मिनट तक चबाना चाहिए। इससे दांतों और मसूड़ों की सफाई में मदद मिलती है और मुंह में ताजगी बनी रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोग अक्सर गम चबाते समय स्वाद या मनोरंजन के लिए इसे ज्यादा देर तक चबाते हैं। यह आदत खासकर उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है जिनके जबड़े में टीएमजे यानी ‘जॉ ज्वाइंट’ की समस्या है। लंबे समय तक गम चबाने से जबड़ों पर दबाव बढ़ सकता है और दर्द या असुविधा पैदा हो सकती है। इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि च्युइंग गम का सही इस्तेमाल केवल स्वाद या बोरियत दूर करने तक सीमित नहीं है। 10 से 20 मिनट के बीच चबाने से मुंह की हाइजीन, लार का प्रवाह और सांस की ताजगी सुनिश्चित होती है। यदि इसे इससे ज्यादा समय तक चबाया जाए, तो यह न केवल बेअसर हो जाता है, बल्कि कभी-कभी जबड़ों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि च्युइंग गम को रोजाना सीमित समय तक ही चबाना चाहिए। यह न सिर्फ दांतों की सफाई में मदद करता है, बल्कि मसूड़ों और मुंह के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। सही समय पर चबाने से मुंह के बैक्टीरिया नियंत्रित रहते हैं और दांतों पर पीली परत या गंदगी जमा नहीं होती। इसलिए अगली बार जब आप च्युइंग गम चबाएं, तो इसे 10 से 20 मिनट तक ही चबाने की पाबंदी जरूर रखें। सुदामा/ईएमएस 25 सितंबर 2025