काठमांडू,(ईएमएस)। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की अगुवाई में हुई अहम कैबिनेट बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक सहित कई नेताओं के पासपोर्ट निलंबित (सस्पेंड) करने का प्रस्ताव रखा गया। यह कदम उन नेताओं की विदेश यात्रा पर रोक लगाने के लिए उठाया जा सकता है, जिन पर भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं। कैबिनेट बैठक में गृहमंत्री ओमप्रकाश अर्याल ने यह प्रस्ताव पेश किया। इसमें न सिर्फ ओली और लेखक, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा और उनकी पत्नी आरजू देउवा के विदेश जाने पर भी रोक लगाने का सुझाव दिया गया। सूत्रों के अनुसार सरकार का मानना है कि अगर ऐसे नेता देश से बाहर जाते हैं तो जांच प्रभावित हो सकती है। मौजूदा सरकार ने पूर्व ओली सरकार के मंत्रियों की संपत्ति की जांच के आदेश भी जारी किए हैं। यह काम डिपार्टमेंट ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग इन्वेस्टिगेशन को सौंपा गया है। जांच में नेताओं की आय से अधिक संपत्ति, संदिग्ध लेन-देन और हवाला जैसे मामलों की छानबीन की जाएगी। जानकारी अनुसार जांच के दायरे में पूर्व ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का भी शामिल हैं। उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और पद का दुरुपयोग करने के आरोप हैं। इसके अलावा शेरबहादुर देउवा और आरजू देउवा के घर से कथित तौर पर मिले करोड़ों रुपए के जले हुए नोटों का मामला भी जांच में शामिल किया गया है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि सरकार सचमुच बड़े नेताओं पर सख्ती दिखाती है तो यह नेपाल की राजनीति में अभूतपूर्व कदम होगा। जबकि विरोधी इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार वास्तव में पासपोर्ट निलंबन और संपत्ति जब्ती जैसे कठोर कदम उठा पाती है या मामला केवल राजनीतिक दबाव तक सीमित रह जाता है। हिदायत/ईएमएस 25सितंबर25