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30-Sep-2025
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लंदन,(ईएमएस)। अहिंसा के पुजारी भी हिंसा के शिकार होने से नहीं बच पाते हैं। लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर पर स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ भी कुछ इसी तरह का हुआ है। जहां गांधी जयंती से ठीक दो दिन पहले उनकी प्रतिमा को तोड़ दिया गया। भारतीय मिशन ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को इस घटना की सूचना दे दी गई है। वहीं भारतीय उच्चायोग ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उच्चायोग के अधिकारी स्मारक को ठीक कराने के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। बता दें इस मशहूर प्रतिमा में राष्ट्रपिता को ध्यानमग्न मुद्रा में दिखाया गया है और कुछ उपद्रवियों ने मूर्ति के चबूतरे पर कुछ विचलित करने वाले शब्द भी लिखे गए। चबूतरे पर शिलालेख में लिखा है, महात्मा गांधी, 1869-1948। मेट्रोपॉलिटन पुलिस और स्थानीय कैमडेन काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि वे मामले की जांच कर रहे हैं।लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर अपने बयान में कहा, भारतीय उच्चायोग टैविस्टॉक स्क्वायर पर स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़े जाने की घटना से बेहद दुखी है और इसकी कड़ी निंदा करता है। यह सिर्फ तोड़फोड़ की घटना नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस से 2 दिन पहले अहिंसा के विचार और महात्मा गांधी की विरासत पर हिंसक हमला है। हमने तत्काल कार्रवाई के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। हमारी टीम पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद है। प्रतिमा को ठीक करने के लिए अधिकारियों के साथ तालमेल किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने गांधी जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में नामित किया हुआ है। हर साल 2 अक्टूबर को लंदन स्थित स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है और गांधी जी के पसंदीदा भजन गाए जाते हैं। इंडिया लीग के सहयोग से बनाई गई इस कांस्य प्रतिमा का अनावरण 1968 में किया गया था। ये प्रतिमा महात्मा गांधी के उन दिनों को याद करते हुए स्थापित की गई थी, जब वे पास के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कानून के छात्र थे। वीरेंद्र/ईएमएस/30सितंबर2025