गाजियाबाद में जांबाज योद्धा हुआ सम्मानित, एयरफोर्स डे परेड हुई आयोजित गाजियाबाद,(ईएमएस)। भारतीय वायुसेना ने बुधवार को अपना 93वां स्थापना दिवस मनाते हुए वायु वायुसेना के जांबाज फाइटर पायलट्स एवं अन्य एयरफोर्स अधिकारियों को सम्मानित किया। गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने परेड की सलामी ली और वायुसेना के जांबाज योद्धाओं को संबोधित किया। इस अवसर पर भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, कि ऑपरेशन सिंधु के दौरान, भारतीय वायुसेना ने संघर्षग्रस्त इलाकों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए कार्रवाई की गई और इसके अतिरिक्त, भारतीय वायुसेना ने अन्य देशों में अंतर्राष्ट्रीय संकट का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि राहत सामग्री और कर्मियों को हवाई मार्ग से पहुंचाया। इसी के साथ जिस तेजी, सजगता, करुणा और विश्वसनीयता के साथ भारतीय वायुसेना ने अक्सर खतरनाक परिस्थितियों में आशा की किरण जगाई, वह सेवा के क्षेत्र में सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह अभियान हमारी सामरिक दक्षता, अनुशासन और निष्ठा का प्रतीक है। सावधानीपूर्वक योजना, उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और दृढ़ संकल्प के बल पर हमारी वायुसेना ने असंभव को संभव कर दिखाया। एयर चीफ ने कहा कि स्वदेशी हथियारों और तकनीक के इस्तेमाल से भारत की वायु शक्ति और अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने कहा, हमारे स्वदेशी विमानों और मिसाइलों ने दुश्मन के क्षेत्र में अंदर तक सटीक और विनाशकारी प्रहार किए। इससे पहले समारोह की शुरुआत एयर शो से हुई, जिसमें सुखोई, राफेल, मिग-29 और तेजस जैसे अत्याधुनिक विमानों ने आसमान में हैरतअंगेज करतब दिखाए। विमानों से तिरंगा लहराया गया और हेलीकॉप्टरों से पुष्प वर्षा की गई। इस वर्ष वायुसेना दिवस की थीम ‘सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ रखी गई है। यह दिवस ‘ऑपरेशन सिंधु’ के वीर योद्धाओं को समर्पित किया गया। समारोह में 97 वायुवीरों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। एयर चीफ मार्शल ने कहा, “हमें गर्व है कि भारतीय वायुसेना आज दुनिया की सबसे सक्षम वायु सेनाओं में से एक है। हमारे वायु योद्धाओं ने हर युग में इतिहास रचा है, फिर चाहे वह 1947 में कश्मीर की रक्षा का सवाल हो, 1965 में दुश्मन पर आकाशीय प्रहार हो, 1971 में एक नए राष्ट्र का निर्माण, 1999 में कारगिल युद्ध में साहसिक प्रदर्शन, 2019 में बालाकोट में आतंकियों का खात्मा और 2025 में ऑपरेशन सिंदूर में चार दिन में विजय की बात हो। उन्होंने आगे कहा, कि हमारी सबसे बड़ी सफलता नई प्रणालियों, हथियारों और तकनीक के तेजी से एकीकरण में रही है। आज वायु योद्धाओं में जवाबदेही और सुरक्षा की संस्कृति गहराई तक पैठ चुकी है। वे सभी स्तरों पर नेतृत्व और दूरदर्शिता का परिचय दे रहे हैं। हिदायत/ईएमएस 08अक्टूबर25