मुंगेली(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ शासन की प्रमुख योजना धान खरीदी में बड़ा घोटाला सामने आया है। जिले के तरवरपुर धान खरीदी केंद्र में 65 लाख रुपये से अधिक मूल्य के सरकारी धान के गबन का मामला उजागर हुआ है। एफआईआर दर्ज होने के महज 24 घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपी सरजू बघेल, केंद्र प्रभारी को गिरफ्तार कर लिया। जांच में खुलासा हुआ है कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान आरोपी ने 2094.64 क्विंटल धान का कोई लेखा-जोखा नहीं दिया। यह धान रिकॉर्ड में दर्ज था, लेकिन भौतिक रूप से कहीं मौजूद नहीं मिला। प्रति क्विंटल 3100 रुपये के दर से इसकी कीमत 65,02,684 रुपये आंकी गई है। तरवरपुर केंद्र में अनियमितता की रिपोर्ट मिलने के बाद सेतगंगा शाखा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रबंधक सुमरन दास मानिकपुरी ने फास्टरपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर थाना फास्टरपुर में अपराध क्रमांक 65/2025 दर्ज कर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318(4) और 316(5) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देशन, एएसपी नवनीत कौर छाबड़ा के मार्गदर्शन और एसडीओपी मयंक तिवारी के पर्यवेक्षण में पुलिस टीम ने आरोपी के ग्राम फंदवानीकापा स्थित घर पर दबिश दी। पुलिस को देखते ही सरजू बघेल भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन टीम ने उसे घेरकर पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपी ने गबन की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने उसके पास से धान खरीदी रजिस्टर और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। सहायक आयुक्त सहकारिता हितेश श्रीवास की जांच में यह पाया गया कि वर्ष 2024-25 में कुल 39,767.20 क्विंटल धान की खरीदी हुई थी, जिसमें से 36,404.36 क्विंटल का परिदान किया गया, जबकि शेष 2,094.64 क्विंटल धान गायब मिला। जांच में यह भी सामने आया कि ऑनलाइन सिस्टम में धान दिखाया गया था, लेकिन भौतिक सत्यापन में वह मौजूद नहीं था। प्रशासन ने इस गबन को गंभीर अमानत में खयानत का मामला माना है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई से जिले में स्पष्ट संदेश गया है कि शासकीय योजनाओं में फर्जीवाड़ा और गबन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब अन्य खरीदी केंद्रों की भी विस्तृत जांच की तैयारी शुरू हो गई है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)09 अक्टूबर 2025