- पहला चरण 30 दिन में पूरा होगा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा, इजराइल और हमास के बीच में शांति को लेकर सहमति बन गई है। इजराइल की सेना गाजा के निश्चित इलाके से सेना को वापस बुलाएगी। गाजा में बुनियादी सहायता बढ़ाई जाएगी। इजराइल फिलिस्तीन और हमास के कैदियों को रिहा करेगा। ट्रम्प ने भरोसा दिलाया है, कि वह समझौता लागू होने के तुरंत बाद मध्य पूर्व का दौरा करेंगे। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने समझौते का समर्थन करते हुए कहा, ईश्वर की कृपा से हम सबको घर वापस मिलेगा। इस तरह से कई बार समझौते होने की बात कही गई। पहले के समझौते कुछ ही घंटे टिके, और फिर एक-दूसरे के ऊपर हमले शुरू कर दिए गए। लेकिन अब ऐसा लग रहा है, दोनों देश लड़ते-लड़ते थक चुके हैं। ऐसी स्थिति में अब समझौते को लेकर दोनों ही पक्ष गंभीर हैं। हमास ने अपने बयान में कहा है, यह समझौता गाजा का युद्ध समाप्त करने, इजरायली सेना की वापसी, मानवीय सहायता को बढ़ाने और कैदियों की अदला-बदली से जुड़ा हुआ है। हमास ने कतर, मिश्र और तुर्की की मध्यस्थता को स्वीकार किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार प्रयास कर रहे थे। लगता है उनके प्रयास सफल होने जा रहे हैं। इस समझौते को लेकर इजराइल और हमास दोनों की ओर से बेहतर संकेत मिल रहे हैं। वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए यह कहा जा रहा है, इजराइली मंत्रिमंडल से समझौते की मंजूरी मिलने के बाद शनिवार या रविवार से कैदियों की अदला बदली शुरू हो जाएगी। गाजा से इजराइली सेना पीछे हटना शुरू हो जाएगी। वहीं बुनियादी मदद भी गाजा को मिलने लगेगी। इस समझौते के लिए अमेरिका के साथ-साथ कतर, मिश्र और तुर्की ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान, अमेरिका के प्रतिनिधि स्टीव विटकाफ, ट्रंप के दामाद जैरेड, मिश्र के खुफिया प्रमुख हस राशिद, तुर्की के खुफिया प्रमुख इब्राहिम तथा इजराइल के मुख्य वार्ताकार रान डर्मर समझौते को लेकर निरंतर बातचीत कर रहे थे। जिसके कारण पहली बार समझौते को लेकर एक नई आशा की किरण बनी है। कतर ने कहा है, समझौते का पहला चरण जल्द ही वह घोषित करेंगे। दोनों पक्षों के बीच भविष्य में कोई विवाद की स्थिति ना बने, इसके लिए सावधानी और स्पष्टता के साथ समझौते के प्रारूप को तैयार किया जा रहा है। दोनों ही देश समझौते का पालन करें, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। इस तरह के प्रयास 2 साल में पहली बार देखने को मिल रहे हैं। इससे अब लगता है, इजराइल और हमास अब शांति की ओर आगे बढ़ रहे हैं। सबसे अच्छी बात यह है, इजराइल और हमास अपने-अपने कैदियों को छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। इजराइली सेना ने पीछे हटना स्वीकार कर लिया है। दोनों देशों की शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शांति सेना की तैनाती पर सहमति बन गई है। प्रथम चरण में, गाजा में बिजली, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, खाद्य सामग्री के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं को बहाल किया जाएगा। गाजा से इजराइली सेना के पीछे हटने के बाद तेजी के साथ नवनिर्माण भी शुरू हो जाएगा। हमास और इजराइल ने अगले 30 दिनों के अंदर प्रथम चरण के लक्ष्य को पूरा करने का भरोसा दिलाया है। संयुक्त राष्ट्र संघ में जिस तरह से इजराइल अलग-थलग पड़ा था। दुनिया के अधिकांश देशों ने नेतन्याहू के भाषण का संयुक्त राष्ट्र संघ में बहिष्कार किया था। अमेरिका से जो सहायता इजराइल को मिलनी चाहिए थी, वह भी अब नहीं मिल पा रही थी। अमेरिका भी आर्थिक संकट में फंसा हुआ है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने ही देश में घिरते चले जा रहे हैं। खाडी के देश एकजुट होना शुरू हो गए थे। वर्तमान स्थिति को देखते हुए समझौते के अलावा कोई विकल्प नहीं था। आशा की जाती है, इजराइल और हमास के बीच जो समझौता होने जा रहा है। उसका अक्षरश: पालन किया जाए। गाजा में हजारों निर्दोष नागरिकों और बच्चों की मौतें हुईं हैं। इस समझौते के बाद गाजा को बुनियादी सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी। भय का वातावरण खत्म होगा। विनाश के बाद एक बार फिर विकास की ओर दोनों देश आगे बढ़ेंगे। इस समझौते से यह आशा की जा सकती है। सही मायने में विश्व युद्ध की जो आशंका बनने लगी थी, उससे सारी दुनिया राहत की सांस लेगी। ईएमएस / 09 अक्टूबर 25