—भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिडनी,(ईएमएस)। भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित ‘इंडिया-ऑस्ट्रेलिया डिफेंस इंडस्ट्री बिजनेस राउंड टेबल’ में यह बात कही। उन्होंने बताया कि भारत का रक्षा उत्पादन वर्ष 2024-25 में 1.51 लाख करोड़ रुपये (लगभग 18 अरब डॉलर) तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। वहीं, रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये (लगभग 2.76 अरब डॉलर) तक पहुंचा है, और भारत अब लगभग 100 देशों को रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ ने यहां पर कहा, कि यह राउंड टेबल केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि एक ऐसा ‘घोषणा-पत्र’ है जो भारत और ऑस्ट्रेलिया को व्यवसाय, उद्योग और नवाचार के स्वाभाविक साझेदार के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध तीन स्तंभों पर आधारित हैं, सरकार से सरकार के बीच सहयोग, जन-से-जन जुड़ाव और व्यावसायिक हितों का सामंजस्य। रक्षा मंत्री ने कहा कि 2020 में स्थापित व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया अब केवल भागीदारी तक सीमित नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सह-निर्माता बनने की दिशा में अग्रसर हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच 2024 और 2025 में कई उच्च-स्तरीय संवाद हुए हैं, जिनसे द्विपक्षीय संबंध और गहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, विविधता और स्वतंत्रता के समान सिद्धांतों पर आधारित देश हैं। भारत में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों की मौजूदगी बढ़ रही है, वहीं ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रवासी समुदाय दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बना रहा है। राजनाथ ने कहा कि भारत संरचनात्मक सुधारों और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के जरिए विनिर्माण क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में अग्रसर है। एफडीआई नीति को भी उदार बनाया गया है, जिससे 74 प्रतिशत निवेश ऑटोमेटिक रूट से संभव है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे भारत के साथ प्रोपल्शन तकनीक, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, फ्लाइट सिमुलेटर और एडवांस्ड मटेरियल्स जैसे क्षेत्रों में सह-विकास और सह-उत्पादन करें। उन्होंने कहा कि भारतीय शिपयार्ड्स के पास जहाज निर्माण और रखरखाव का व्यापक अनुभव है, जो रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के लिए भी उपयोगी हो सकता है। यह राउंड टेबल भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय, ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग, न्यूलैंड ग्लोबल ग्रुप और ऑस्ट्रेलिया-इंडिया बिजनेस काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई। राजनाथ सिंह ने विश्वास जताया कि भारत-ऑस्ट्रेलिया की यह साझेदारी आने वाले वर्षों में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा, विकास और स्थिरता का नया अध्याय लिखेगी। हिदायत/ईएमएस 10अक्टूबर25