राज्य
10-Oct-2025
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* स्क्रैप से बनाया S-400 मिसाइल का मॉडल कोरबा (ईएमएस) कोरबा-पश्चिम क्षेत्र अंतर्गत स्वच्छता और नवाचार का संगम तब देखने को मिला, जब कोरबा जिले के गेवरा स्थित सेंट्रल एक्सवेशन वर्कशॉप (सीईडब्लूएस) के कर्मचारियों ने बेकार पड़े स्क्रैप से रूस के आधुनिक एंटी मिसाइल सिस्टम S-400 का आकर्षक मॉडल तैयार किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ थीम पर आधारित यह मॉडल न केवल तकनीकी समझ और कलात्मकता का प्रतीक है, बल्कि स्वच्छता अभियान ‘स्वच्छता ही सेवा’ के संदेश को भी रचनात्मक रूप से प्रस्तुत करता है। यह अनूठा मॉडल कर्मचारियों की मेहनत और रचनात्मकता का परिणाम है। इसे तैयार करने में करीब एक महीने का समय लगा और लगभग 40 से 50 कर्मचारियों ने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई। सभी ने मिलकर बेकार माने जाने वाले धातु के टुकड़ों, मशीन पार्ट्स और पुराने उपकरणों का उपयोग करते हुए इस मिसाइल सिस्टम की हूबहू प्रतिकृति बनाई। तैयार होने के बाद यह मॉडल अब वर्कशॉप परिसर में लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस परियोजना में महाप्रबंधक बी.सी. शर्मा, वर्क्स मैनेजर मुकेश सिंह, एसओ (एचआर) शैलेंद्र पराशर, दीपक कुमार खरे और रमा चक्रवर्ती सहित पूरी टीम सीईडब्लूएस गेवरा की सक्रिय भागीदारी रही। इन सभी ने न केवल अपनी तकनीकी दक्षता दिखाई, बल्कि यह भी साबित किया कि अगर इच्छाशक्ति और रचनात्मक सोच हो, तो बेकार समझी जाने वाली वस्तुएं भी समाज के लिए प्रेरणा बन सकती हैं। कार्य प्रबंधक मुकेश सिंह ने बताया कि यह पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के अंतर्गत की गई है। इस अभियान के तहत कर्मचारियों ने अधिकारियों के मार्गदर्शन में कई पुरानी और खराब पड़ी हाइड्रोलिक सिस्टम वाली मशीनों को आधुनिक तकनीक से दुरुस्त कर पुनः उत्पादन कार्य में लगाया है। उन्होंने बताया कि इस प्रयास से कंपनी को बड़ी आर्थिक बचत हुई है और संसाधनों के पुनः उपयोग की एक मिसाल भी बनी है। स्वच्छता और सतत विकास की दिशा में सीईडब्लूएस गेवरा का यह कदम न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि समूचे कोल क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक माना जा रहा है। स्क्रैप से बने S-400 मिसाइल मॉडल ने यह संदेश दिया है कि नवाचार और जिम्मेदारी मिलकर समाज में बदलाव की दिशा तय कर सकते हैं। यह पहल इस बात का प्रमाण है कि स्वच्छता सिर्फ सफाई तक सीमित नहीं, बल्कि संसाधनों के पुनः उपयोग और पर्यावरण संरक्षण का भी हिस्सा है। अब यह मॉडल वर्कशॉप परिसर में स्थायी रूप से प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि आने वाले लोग इसे देखकर प्रेरित हों और “कचरे से कृति” की इस सोच को आगे बढ़ाएं। सीईडब्लूएस गेवरा की यह रचनात्मक पहल निश्चित ही कोरबा जिले के औद्योगिक नवाचार और स्वच्छता अभियान में एक नई मिसाल बनकर सामने आई है। 10 अक्टूबर / मित्तल