राष्ट्रीय
11-Oct-2025
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..देवबंद में पढ़ा हदीस का सबक सहारनपुर,(ईएमएस)। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलाना आमिर खान मुत्ताकी शनिवार को भारत के प्रतिष्ठित इस्लामिक संस्थान दारुल उलूम देवबंद पहुंचे। यहां उनका स्वागत संस्थान के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी और वरिष्ठ उलेमा ने किया। इस अवसर पर मुत्ताकी ने हदीस का सबक पढ़ा और उसे पढ़ाने की इजाजत (सनद) प्राप्त की। इसके बाद उनके नाम के साथ “कासमी” उपाधि जुड़ गई। अब उनका पूरा नाम मौलाना आमिर खान मुत्ताकी कासमी होगा। यहां बताते चलें कि “कासमी” उपाधि दारुल उलूम देवबंद से जुड़ी एक विशिष्ट पहचान है। यह उन विद्वानों को दी जाती है जिन्होंने इस संस्थान से हदीस या इस्लामी शिक्षा की औपचारिक इजाजत-ए-सनद प्राप्त की हो। यह परंपरा 19वीं सदी से चली आ रही है, जब इस संस्थान की स्थापना मौलाना मुहम्मद कासिम नानौतवी ने की थी। उनके नाम की याद में ही देवबंद से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्वान अपने नाम के साथ “कासमी” जोड़ते हैं। यह न केवल शैक्षिक उपाधि है बल्कि एक वैचारिक और धार्मिक सम्मान का प्रतीक भी है। गौरतलब है कि तालिबान शासन के बाद भारत की यह पहली उच्चस्तरीय मुलाकात है। भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन मानवीय सहायता और सुरक्षा हितों के मद्देनज़र संवाद बनाए रखा है। हिदायत/ईएमएस 11अक्टूबर25