18-Oct-2025
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रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को इतिहास रचा गया, जब एक साथ 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। यह अब तक का सबसे बड़ा सरेंडर बताया जा रहा है। इस घटना ने प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सुर्खियां बटोरीं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों के सरेंडर पर संतोष जताते हुए कहा कि “देश की यह लड़ाई जल्द खात्मे की ओर बढ़ेगी। हम सब मिलकर जीतेंगे। सरकार और सुरक्षा बलों को बधाई। लेकिन बघेल के इस बयान पर प्रदेश के मंत्री केदार कश्यप ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा तारीफ के लिए शुक्रिया भूपेश बघेल जी, बस यह स्पष्ट कर दें कि यह आपकी निजी राय है या कांग्रेस का अधिकृत बयान? आपकी पार्टी के प्रवक्ता इसे ‘इवेंट’ बता रहे थे और प्रदेश अध्यक्ष असली-नकली नक्सली का मुद्दा उठाकर इस लड़ाई को कमजोर कर रहे थे। कश्यप ने आगे कहा, दरभा घाटी हमले में राहुल गांधी ने नक्सलियों को क्लीन चिट दी थी। अगर कांग्रेस ने उस वक्त महेंद्र कर्मा जी और सलवा जुडूम का साथ दिया होता, तो शायद यह जंग इतनी लंबी नहीं खिंचती। कांग्रेस हमेशा से दोहरी राजनीति करती रही है एक तरफ आतंक के खिलाफ बयान, दूसरी ओर उसे कमजोर करने वाली हरकतें। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हाल में भी नक्सल समर्थक रुख अपनाया, जब सलवा जुडूम विरोधी पूर्व जज को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। कश्यप ने कहा, “देश की आंतरिक सुरक्षा जैसे गंभीर विषय पर इस तरह की सस्ती राजनीति बंद होनी चाहिए। जनता सब जानती है, अब उसे गुमराह नहीं किया जा सकता। वहीं, भूपेश बघेल ने जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़ ने नक्सलवाद का दशकों तक दंश झेला है। “हमने जवानों, आदिवासियों और अपने शीर्ष नेतृत्व को खोया है। भाजपा की 15 साल की सरकार नक्सलवाद के खिलाफ इच्छाशक्ति नहीं दिखा सकी। 2018 में हमारी सरकार ने पहली बार नक्सल उन्मूलन नीति बनाई, नए कैंप खोले, सड़कें और स्कूल बने, और नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उन्हें चुनौती दी। बघेल ने कहा कि नक्सल उन्मूलन की लड़ाई को हमने ‘विश्वास, विकास और सुरक्षा’ के सूत्र पर आगे बढ़ाया था। “आज खुशी है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ प्रदेश सरकार भी उसी नीति पर आगे बढ़ रही है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)18 अक्टूबर 2025