नई दिल्ली (ईएमएस)। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा छोटी कारों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने के बाद इनकी बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। जीएसटी में कटौती के बाद छोटी कारें एक बार फिर आम ग्राहकों की पहुंच में आ गई हैं। नतीजा यह हुआ कि मारुति सुजुकी, जो इस सेगमेंट की मार्केट लीडर है, ने सिर्फ चार हफ्तों में करीब 4 लाख बुकिंग्स दर्ज की हैं। इनमें से लगभग 80,000 बुकिंग्स ऑल्टो के10, एस-प्रेसो, सेलेरियो और वैगनआर जैसी छोटी कारों की हैं। इससे यह साफ हो गया कि लोगों का इन कारों से मोहभंग नहीं हुआ था, बल्कि ऊंची कीमतों ने ही उन्हें दूरी बना ली थी। मारुति के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सेल्स एंड मार्केटिंग) पार्थो बनर्जी के मुताबिक, “हमने देखा है कि अब शोरूम में कई खरीदार हेलमेट के साथ पहुंच रहे हैं। यह संकेत है कि दोपहिया वाहन चलाने वाले ग्राहक अब अपनी पहली कार खरीदने आ रहे हैं। छोटे कार सेगमेंट में यह नए खरीदारों की लहर बाजार को नई जान दे रही है।” उन्होंने बताया कि जीएसटी 2.0 से पहले जहां एंट्री-लेवल मॉडलों की हिस्सेदारी 16.7 प्रतिशत थी, अब यह बढ़कर 22.2प्रतिशत हो गई है। टाटा मोटर्स ने भी त्योहारी सीजन में शानदार बिक्री दर्ज की है। कंपनी के चीफ कमर्शियल ऑफिसर अमित कामत के अनुसार, “हमारी हैचबैक कारें टियागो और अल्ट्रोज की बुकिंग्स इस साल पिछले साल की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक रही हैं। ग्राहक न सिर्फ बुकिंग कर रहे हैं, बल्कि तेजी से डिलीवरी भी ले रहे हैं।” जीएसटी में कटौती का यह कदम अब भारतीय ऑटो बाजार में फिर से छोटे कारों का दौर लौटाता दिख रहा है। जहां पहले एंट्री-लेवल कारें महंगी होकर आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रही थीं, वहीं अब किफायती कीमतों के साथ ये फिर से ‘मिडल क्लास’ परिवारों की पहली पसंद बन गई हैं। बता दें कि भारत में छोटी कारों का बाजार एक बार फिर रफ्तार पकड़ता नजर आ रहा है। कुछ समय पहले तक जहां ऑल्टो जैसी कारों की बिक्री घटने लगी थी और यह माना जा रहा था कि लोगों का झुकाव बड़ी कारों की ओर बढ़ रहा है, वहीं अब तस्वीर बदल चुकी है। सुदामा/ईएमएस 19 अक्टूबर 2025