नई दिल्ली (ईएमएस)। ऑटो कंपनी हुंडई मोटर भारत में अपने लंबी अवधि के रोडमैप के तहत वित्त वर्ष 2030 तक 45,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। हुंडई मोटर ने घोषणा की कि कंपनी का लक्ष्य भारत को वैश्विक स्तर पर अपना दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनाना है। इस निवेश का मुख्य उद्देश्य नए प्रोडक्ट लॉन्च, क्षमता विस्तार और अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) को सपोर्ट करना होगा। हुंडई मोटर कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ जोस मुनोज ने एचएमआईएल के पहले इन्वेस्टर डे में कहा कि पिछले साल के ऐतिहासिक आईपीओ और भारत में 30 वर्षों की सफलता के बाद, कंपनी अब अगले चरण के विकास के लिए यह बड़ा निवेश कर रही है। मुनोज के अनुसार, लगभग 60 प्रतिशत निवेश उत्पाद विकास और आर एंड डी में लगाया जाएगा, जबकि बाकी 40 प्रतिशत क्षमता विस्तार और अपग्रेडेशन पर खर्च किया जाएगा। कंपनी ने यह भी लक्ष्य रखा है कि कुल उत्पादन का 30 प्रतिशत निर्यात किया जाएगा। अपने 2030 रोडमैप के तहत, हुंडई 26 नए मॉडल लॉन्च करेगी, जिनमें 7 नए नाम शामिल होंगे। कंपनी एमपीवी और ऑफ-रोड एसयूवी सेगमेंट में प्रवेश करेगी और 2027 तक अपनी पहली स्थानीय रूप से डिजाइन और निर्मित इलेक्ट्रिक एसयूवी लॉन्च करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, 2027 तक हुंडई का लग्जरी ब्रांड जेनेसिस भी भारत में पेश किया जाएगा। हुंडई का लक्ष्य वित्त वर्ष 2030 तक अपने राजस्व को 1.5 गुना बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपए तक ले जाना और घरेलू बाजार में 15 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करना है। इसमें यूटिलिटी वाहन और सीएनजी, ईवी और हाइब्रिड जैसे पर्यावरण-अनुकूल मॉडल पर विशेष जोर दिया जाएगा। साथ ही, हुंडई इंडिया ने तरुण गर्ग को नया एमडी और सीईओ नियुक्त किया है, जो 1 जनवरी 2026 से कार्यभार संभालेंगे। सुदामा/ईएमएस 19 अक्टूबर 2025