अंतर्राष्ट्रीय
19-Oct-2025
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कहा-काबुल के शासक, जो अब भारत की गोद में बैठे हैं कभी हमारी सुरक्षा में थे इस्लामाबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बरकरार है। शुक्रवार रात पाकिस्तान के क्रूर हमले में अफगानिस्तान के तीन स्थानीय क्रिकेटर्स के मारे जाने के बाद अफगानी लोग गुस्से से भड़क गए। पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए अफगानिस्तान के अंदर हमले किए, जिसमें कई और आम नागरिकों के मारे जाने की सूचना है। इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान में रह रहे अफगानों को देश से बाहर निकलने की चेतावनी दी है। बता दें अफगानिस्तान में जब जिहाद शुरू होने के बाद गृहयुद्ध शुरू हुआ था तो लाखों अफगान देश छोड़कर पाकिस्तान आ गए थे। इस जिहाद को शुरू करवाने वाला भी पाकिस्तान ही था। पिछले दो सालों से पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों को जबरन देश से बाहर निकाल चुका है। अनुमानित तौर पर पाकिस्तान में करीब 20 लाख अफगान शरणार्थी थे, जिनमें से वह 10 से 12 लाख के बीच शरणार्थी बाहर निकाले जा चुके हैं। इन शरणार्थियों को पाकिस्तान से अपने कपड़ों के अलावा कुछ भी ले जाने की इजाजत नहीं है। यानि अगर कोई अफगान कोई दुकान चला रहा है, तो वो अपने साथ दुकान का सामान नहीं ले जा सकता। आसिफ ने शुक्रवार को काबुल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले सभी अफगानों को अपने वतन लौटना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के साथ पुराने रिश्तों का दौर अब खत्म हो गया है। अब काबुल में उनकी अपनी सरकार और अपनी खिलाफत है। हमारी जमीन और संसाधन 25 करोड़ पाकिस्तानियों के हैं। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव है और 48 घंटे का युद्धविराम टूट गया है। रिपोर्टों से पता चलता है कि युद्धविराम को बढ़ाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच दोहा में बैठक हो सकती है, लेकिन तालिबान ने कहा है कि इस्लामाबाद ने डूरंड रेखा से लगे पक्तिका प्रांत के कई जिलों में हवाई हमले किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद एक सीनियर तालिबान अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम टूट गया है। ख्वाजा आसिफ ने लिखा- पाकिस्तान अब काबुल के साथ पहले जैसे संबंध बनाए रखने का जोखिम नहीं उठा सकता। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद ने वर्षों तक धैर्य बनाए रखा, लेकिन अफगानिस्तान से उसे कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके अलावा ख्वाजा आसिफ ने लिखा कि पाकिस्तान ने सीमा पार से लगातार हो रही आतंकी घटनाओं को लेकर अफगानिस्तान को 836 विरोध पत्र और 13 डेमार्श भेजे हैं। उन्होंने कहा कि अब कोई विरोध पत्र या शांति की अपील नहीं होगी। कोई भी प्रतिनिधिमंडल काबुल नहीं जाएगा। आतंकवाद का स्रोत चाहे कहीं भी हो, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। आसिफ ने काबुल स्थित तालिबान सरकार पर भारत के प्रतिनिधि के रूप में काम करने और नई दिल्ली और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि काबुल के शासक, जो अब भारत की गोद में बैठे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, कभी हमारी सुरक्षा में थे, हमारी जमीन पर छिपे थे। इसके अलावा आसिफ ने चेतावनी दी है कि सीमा पार से किसी भी आक्रमण का कड़ा जवाब दिया जाएगा। इस हफ्ते की शुरुआत में, उन्होंने कहा था कि अगर अफगान तालिबान संघर्ष चाहता है तो पाकिस्तान उसकी युद्ध की इच्छा को पूरा करने के लिए तैयार है। उन्होंने 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में हुए मानवीय और सुरक्षा नुकसान का भी जिक्र करते हुए कहा कि 10,347 आतंकवादी हमलों में नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों सतेत 3,844 लोग मारे गए हैं। सिराज/ईएमएस 19 अक्टूबर 2025