अंतर्राष्ट्रीय
19-Oct-2025
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दोहा(ईएमएस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे तनाव को कम करने के लिए कतर की राजधानी दोहा में शनिवार देर रात पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पहली शांति वार्ता हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सकारात्मक माहौल में खत्म हुई। करीब साढ़े चार घंटे तक चली बंद कमरे की यह बातचीत दोनों देशों के बीच बढ़ते सीमा तनाव को कम करने के प्रयास का हिस्सा थी। वार्ता के दौरान पाकिस्तान ने अपनी शर्तें साफ रखते हुए सीमित संघर्ष विराम बढ़ाने और अपनी सैन्य आवाजाही के लिए सुरक्षित कॉरिडोर बनाने की मांग रखी। वहीं अफगान तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा पार हवाई कार्रवाई रोकने और उनके कब्जे में मौजूद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के लड़ाकों को सौंपने की बात की। तालिबान के प्रतिनिधि ने कहा, हम अपने देश की रक्षा करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन हमारे पास हवाई सुरक्षा नहीं है। बातचीत में दोनों देशों के शीर्ष प्रतिनिधि मौजूद रहे और दोनों ने रविवार सुबह दोबारा मिलने का फैसला किया है। कतर के विदेश मंत्रालय ने देर रात बयान जारी कर पुष्टि की कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। सूत्रों के मुताबिक, एक हफ्ते के भीतर दोबारा बैठक की योजना भी बन रही है, जिससे यह साफ है कि तमाम मतभेदों के बावजूद दोनों देश संवाद बनाए रखना चाहते हैं। पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। बैठक की शुरुआत कतर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीधे बातचीत हुई। कतर इस वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है और पश्चिमी देशों के समर्थन से दोनों देशों को संयम बरतने का आग्रह कर रहा है। कतर चाहता है कि दोनों देश किसी पर आरोप लगाए बिना एक संयुक्त बयान जारी करें। दोहा वार्ता से पहले पाकिस्तान-अफगान सीमा यानी डूरंड लाइन पर भीषण झड़पें हुई थीं, जिनमें दोनों ओर से कई लोगों की मौत हुई। शुक्रवार को 48 घंटे का युद्धविराम खत्म होने के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार हवाई हमले किए थे, जबकि अफगानिस्तान ने इन कार्रवाइयों को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने पहले कहा था, ‘पाकिस्तानी सेना की बार-बार की कार्रवाई हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है। इस बीच, पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने हाल में कहा था कि ‘तालिबान को अपने प्रॉक्सी समूहों को नियंत्रित करना चाहिए और हिंसा की जगह स्थायी शांति को प्राथमिकता देनी चाहिए। शनिवार की बैठक को कूटनीतिक हलकों में महत्वपूर्ण बताया गया है। वीरेंद्र/ईएमएस/19अक्टूबर2025 -------------------------------------