अंतर्राष्ट्रीय
19-Oct-2025
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वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से अमेरिका के लोग उकता गए हैं। नीतियों के विरोध में लाखों लोग सड़कों पर उतरे हैं। देश के 50 राज्यों में ढाई हजार से ज्यादा नो किंग्स प्रोटेस्ट का आयोजन हुआ है। न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस, अटलांटा जैसे शहरों में भारी भीड़ उमड़ी। यह प्रदर्शन ‘तानाशाही के खिलाफ और लोकतंत्र की रक्षा के समर्थन में’ आयोजित किए गए थे। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने, आव्रजन नीतियों में कठोरता, आईसीई छापों, और संघीय सैनिकों की तैनाती जैसे कदमों को लेकर तीखी नाराजगी जताई। ये प्रदर्शन उस समय हुए हैं, जब वॉशिंगटन में सरकारी शटडाउन और बजट को लेकर राजनीतिक गतिरोध जारी है। इस बीच, डेमोक्रेटिक नेताओं ने प्रदर्शनों का समर्थन किया है, जबकि रिपब्लिकन नेताओं ने इन्हें ‘राष्ट्रविरोधी’ करार दिया। अटलांटा में प्रदर्शनकारियों ने शहर के सिविक सेंटर से मार्च शुरू किया और जॉर्जिया स्टेट कैपिटल पहुंचकर ‘नो किंग्स’ के नारे लगाए। वहीं लॉस एंजेलिस में सबसे बड़ी भीड़ देखने को मिली, जहां प्रवासी समुदायों के समर्थन में लोग अमेरिकी और मैक्सिकन झंडे लेकर सड़कों पर उतरे। यह वही शहर है, जहां जून में ट्रंप सरकार के आदेश पर नेशनल गार्ड की तैनाती को लेकर पहले भी विरोध हुआ था। वहीं बर्नी सैंडर्स ने देशभर के प्रदर्शनकारियों को धन्यवाद देते हुए लिखा, धन्यवाद उन लाखों अमेरिकियों को, जिन्होंने छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक एक ही आवाज में कहा- अमेरिका में राजा नहीं चलेगा, यहां जनता ही शासन करेगी। न्यूयॉर्क सिटी पुलिस ने जानकारी दी कि पूरे दिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे। पांचों बरो में करीब 1 लाख लोग सड़कों पर उतरे, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। पुलिस के अनुसार, सभी प्रदर्शन अब समाप्त हो चुके हैं और ट्रैफिक सामान्य हो गया है। यह एक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति का उदाहरण रहा। नो किंग्स प्रोटेस्ट अब सिर्फ ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन नहीं, बल्कि अमेरिका में लोकतंत्र बनाम तानाशाही की नई बहस का प्रतीक बन गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन और नीतियों के खिलाफ देशभर में आयोजित अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन माना जा रहा है। अमेरिका के कई शहरों और कस्बों में शनिवार को एक साथ लाखों लोग सड़कों पर उतर आए। यह प्रदर्शन ‘नो किंग्स प्रोटेस्ट’ के नाम से हुआ, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ देशभर में आयोजित अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन माना जा रहा है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के सभी 50 राज्यों में 2,500 से ज्यादा कार्यक्रम हुए, जिनमें वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस, अटलांटा और शिकागो जैसे बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक में भारी भीड़ उमड़ी। कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम ने सोशल मीडिया पर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए लिखा, आज जब कैलिफोर्निया के लोग राष्ट्रपति की तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ सड़कों पर हैं, मैं सभी से अपील करता हूं कि शांतिपूर्ण रहें। हमारी ताकत एकता और शांति में है। सीनेट माइनॉरिटी लीडर चक शूमर ने न्यूयॉर्क में रैली में हिस्सा लेते हुए कहा, आज जब लाखों अमेरिकी ‘नो किंग्स डे’ पर एकजुट हैं, मैं गर्व से कहता हूं कि अमेरिका में कोई तानाशाह नहीं होगा। हम अपनी लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। वीरेंद्र/ईएमएस/19अक्टूबर2025 -------------------------------------