19-Oct-2025


कोरबा (ईएमएस) सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया की अनुसांगिक कंपनी एसईसीएल बिलासपुर के अधीन कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजना अंतर्गत कुसमुंडा क्षेत्र के भू-विस्थापित प्रभावित परिवारों ने अपनी भूमि के बदले रोजगार और मुआवजे की मांग को लेकर भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी हैं। प्रदर्शन 20 और 21 अक्टूबर को मुख्य महाप्रबंधक के कार्यालय सामने बिना अन्न-पानी खाये बिना भूख हड़ताल करेंगे। भू-विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पिछले 22 वर्षों से उनकी अधिग्रहित भूमि के बदले मिलने वाले रोजगार के लिए बार-बार गुमराह किया जा रहा है और झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं। उनका कहना है कि जानकारी मांगने पर भी उन्हें कोई सूचना नहीं दी जाती है, जिससे वे मानसिक और आर्थिक रूप से त्रस्त हो चुके हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा जमीन-जायदाद को गुमराह करके छीन लिया गया है, जिससे वे भूखे रहने पर मजबूर हैं और उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। पीड़ित कुल 12 भू-विस्थापितों ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी (कटघोरा), थाना प्रभारी कुसमुंडा, तहसीलदार दर्री और स्थानीय विधायक को ज्ञापन सौंपकर अपनी स्थिति से अवगत कराया है। भू-विस्थापितों ने एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक से आग्रह किया है कि उनकी आर्थिक समस्याओं को देखते हुए उन्हें न्याय दिलाया जाए। गौरतलब है कि विभिन्न मांगों को लेकर भू-विस्थापित कोयला कंपनी के साथ संघर्ष कर रहे हैं। इसका असर यह हुआ है कि कंपनी पर दबाव बढ़ रहा है। आंदोलन के बाद कई सारी मांगे प्रबंधन ने मानी है। भू-विस्थापितों को उम्मीद है कि उनकी आंदोलन से प्रबंधन पर और दबाव बढ़ेगा। समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी। 19 अक्टूबर / मित्तल