नई दिल्ली,(ईएमएस)। सोने चांदी की कीमतों में भारी गिरावट आ गई है। कई हफ्तों की तेजी के बाद मंगलवार को सोना चार साल की सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट में फिसला है, ऐसे में रेट करीब 4 फीसदी तक नीचे आ गए। सोमवार को रिकॉर्ड 4381 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा था, लेकिन मंगलवार को 4187 डॉलर तक गिरा यानी 3.8 फीसदी की कमी। बुधवार को भी गिरावट जारी रही, सोना 2.9 फीसदी और नीचे जाकर 4004.26 डॉलर के आसपास पहुंचा, जबकि मंगलवार को तो 6.3 फीसदी तक की गिरावट हो गई थी जो दस साल से ज्यादा की सबसे बड़ी इन्ट्राडे गिरावट थी। चांदी में भी गिरावट देखने को मिली, मंगलवार को 7 फीसदी फिसली और बुधवार को 2 फीसदी से ज्यादा नीचे जाकर 47.6 डॉलर प्रति औंस पर आ गई, जबकि पहले 54 डॉलर थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पहला तो अमेरिकी डॉलर मजबूत हो गया है, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए सोना चांदी महंगा हुआ। दूसरा अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर में नरमी के संकेत मिल रहे हैं, राष्ट्रपति ट्रंप और शी जिनपिंग की अगले हफ्ते मुलाकात होने वाली है, ट्रेड डील की उम्मीद से सेफ हेवन वाली मांग कम हो गई। तीसरा टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे आरएसआई ओवरबॉट जोन में पहुंच गए थे, मतलब कीमतें बहुत तेज चढ़ गईं, करेक्शन तो बनता था। सैक्सो बैंक के एक्सपर्ट ओले हैनसन कहते हैं कि ट्रेडर्स सावधान हो गए थे, मार्केट ऊपर जा चुका था, अब ये करेक्शन असली ताकत दिखाएगा, लेकिन लंबे निवेशक अभी भी इंटरेस्टेड हैं, गिरावट सीमित रह सकती है। चौथा ईटीएफ मार्केट में हलचल, दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड शेयर्स में ऑप्शन वॉल्यूम रिकॉर्ड तोड़ दिया, पिछले हफ्ते दो दिनों में 20 लाख से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट्स ट्रेड हुए। ट्रेडर्स गिरावट पर हेजिंग कर रहे हैं या प्रॉफिट बुक कर रहे हैं। चांदी में इस साल 80 फीसदी रैली के बाद 7 फीसदी गिरावट, लंदन में शॉर्टेज, शंघाई से आउटफ्लो, न्यूयॉर्क स्टॉकपाइल घटे। पांचवां अमेरिकी सरकार शटडाउन से सीएफटीसी की साप्ताहिक रिपोर्ट नहीं आई, हेज फंड्स की पोजीशन का पता नहीं चल रहा है, ट्रेडर्स अंधेरे में ट्रेडिंग कर रहे हैं, स्पेकुलेटिव लॉन्ग पोजीशन बढ़ गईं, मार्केट वल्नरेबल हो गया है। इसके अलावा स्टॉक मार्केट में भी रैली थमी, एशियन शेयर्स गिरे, लेकिन इक्विटी में रिस्क ऐड करने के मौके दिख रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई शेयर गिर गए, हॉन्गकॉन्ग के इक्विटी फ्यूचर्स भी नीचे आए, जापान के बेंचमार्क मिलेजुले रहे. अमेरिकी शेयर फ्यूचर्स थोड़े कम हुए क्योंकि एसएंडपी 500 मंगलवार को बिना बदलाव के बंद हुआ। इतिहास कहता है लंबी रैली के बाद खरीदारी बिकवाली में बदल जाती है। अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत निकली, डॉलर इंडेक्स ऊंचा रहा तो और गिरावट हो सकती है, लेकिन राजनीतिक या आर्थिक अनिश्चितता बढ़ी तो सोने की चमक लौट आएगी। सिराज/ईएमएस 22अक्टूबर25 ------------------------------------