 
                            मुम्बई (ईएमएस)। पिछले काफी समय से भारतीय टेस्ट टीम में वापसी का प्रयास कर रहे अजिंक्य रहाणे के सब्र का बांध रणजी ट्रॉफी 2025-26 में छत्तीसगढ़ के खिलाफ शतक लगाने से बाद टूट गया। रहाणे ने चयनकर्ताओं पर निशान साधते हुए कहा है कि चयन के लिए खेल देखें उम्र नहीं। रहाणे ने कहा कि आजकल चयनकर्ता उम्र का बहाना बनाकर कई अनुभवी खिलाड़ियों को अवसर नहीं देते। रहाणे ने अवसरों की कमी और संवादहीनता पर भी सवाल उठाए है। उन्होंने यह भी कहा कि चयनकर्ता आम तौर पर घरेलू क्रिकेट को महत्व देते हैं पर चयन के समय उसे भूल जाते हैं। रहाणे ने कहा है कि वह पिछले चार-पांच सत्र से घरेलू क्रिकेट में पूरी गंभीरता से हिस्सा लेते रहे हैं पर चयनकर्ताओं ने उसपर ध्यान नहीं दिया। रहाणे ने कहा, उम्र तो बस एक संख्या है। एक खिलाड़ी के तौर पर, अगर आपके पास अनुभव है, अगर आप अभी भी घरेलू क्रिकेट में अच्छा खेल रहे हैं, अगर आप अभी भी अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं, तो मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं को आप पर विचार करना चाहिए। बात उम्र की नहीं है। बात जुनून और इच्छा शक्ति की है। बात लाल गेंद के प्रति जुनून की है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 की टीम में अनुभव की कमी महसूस हुई है। रहाणे ने कहा, “इतना क्रिकेट खेलने के बाद, जब मेरे जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को टीम से बाहर किया गया, तो मुझे लगा कि कुछ तो अलग है। मुझे लगता है कि मेरे जैसे अनुभवी खिलाड़ी को वापसी के बाद और अवसर मिलने चाहिए, लेकिन इस बारे में कोई बातचीत नहीं हुई, लेकिन मैं अब भी अपने खेल का आनंद लेता हूं। मैं उन्हीं बातों पर ध्यान दे रहा हूं जो मेरे बस में है। वे मुझे चुनें या नहीं, यह उनका फैसला है, पर मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी और मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार था।” भारत के लिए 85 टेस्ट मैच खेल चुके रहाणे ने आखिरी बार 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने आईपीएल के शानदार सीजन के बाद टीम में वापसी की थी। वह ऑस्ट्रेलिया से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हारने वाली टीम में भी शामिल थे। अपना 42वां प्रथम श्रेणी शतक लगाने वाले रहाणे का मानना है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, जिसके आगे भी चयनकर्ताओं को देखना होगा। रहाणे ने कहा, देखिए, माइकल हसी ने 30 की उम्र के बाद डेब्यू किया था। उन्होंने फिर भी रन बनाए। इसलिए, लाल गेंद वाले क्रिकेट में अनुभव मायने रखता है और मुझे लगता है, व्यक्तिगत रूप से, भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी। बात उस अनुभव की होती है जो आपको ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका में खेलने से मिलता है। रहाणे ने रोहित और विराट की भी बात की और कहा, उच्चतम स्तर पर, जब आपके पास रोहित और विराट जैसे खिलाड़ी हों, जिन्होंने भारत के लिए बहुत सारे मैच जीते हैं, खासकर सफेद गेंद वाले क्रिकेट में, तो आपको टीम में उस अनुभव की जरूरत होती है। आप टीम में सभी नए खिलाड़ियों को नहीं रख सकते। गिरजा/ईएमएस 28अक्टूबर 2025