अंतर्राष्ट्रीय
28-Oct-2025


इस्लामाबाद(ईएमएस)। पाकिस्तान में महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है, जहां एक किलो टमाटर की कीमत 600 रुपये तक पहुंच गई है। पिछले कुछ दिनों में कीमतों में 400 प्रतिशत से अधिक की भयावह बढ़ोतरी ने आम आदमी को हलकान कर दिया है। संसद में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ, जहां सांसदों ने टमाटर लोन की मांग तक उठा दी। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए भारत से सस्ते आयात की पुरानी व्यवस्था को याद किया, जो कभी जरूरी सब्जियों की आपूर्ति का प्रमुख स्रोत थी। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सीमा बंदी की नीति ने जनता को बर्बाद कर दिया। कुछ सांसदों ने मजाक में टमाटर लोन की मांग की, लेकिन यह जनता की व्यथा को उजागर करता है। सोशल मीडिया पर वीडियो में लोग पूछ रहे हैं, भारत से टमाटर आते थे, अब कहां गए?” भारत से सस्ती सब्जियों का आयात बंद होने से संकट और गहरा गया है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही आईएमएफ की शर्तों और कर्ज के बोझ तले दबी है। यह संकट न केवल रसोई का बजट बिगाड़ रहा है, बल्कि राजनीतिक अस्थिरता को भी बढ़ावा दे रहा है। क्या सीमा जल्द खुलेगी या जनता की मुश्किलें और बढ़ेंगी – यह आने वाला समय बताएगा। पाकिस्तानी संसद में एक सांसद ने नाटकीय अंदाज में कहा, ये एक टमाटर मैं बड़ी मुश्किल से यहां लाया हूं। हमारे एमपी फरूख साहब की मेहरबानी से 75 रुपये में ये एक टमाटर मिला। वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सांसद टमाटर को प्रदर्शित करते दिखे। यह मजाक नहीं, बल्कि जनता की गंभीर पीड़ा का प्रतीक बन गया है।मूल कारण अफगानिस्तान के साथ 11 अक्टूबर से शुरू हुई भारी झड़पें और पाकिस्तानी हवाई हमले हैं। दोनों देशों ने 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा बंद कर दी, जिससे व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। पाक-अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख खान जान अलोकोजाय ने बताया, हर दिन दोनों देशों को 1 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है। सालाना 23 अरब डॉलर का व्यापार, जिसमें ताजे फल, सब्जियां, खनिज, दवाइयां, गेहूं, चावल, चीनी, मांस और डेयरी उत्पाद शामिल हैं, अब रुका पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में अब लहसुन 400 रुपये किलो, अदरक 750 रुपये, प्याज 120 रुपये, मटर 500 रुपये, शिमला मिर्च-भिंडी 300 रुपये, खीरा 150 रुपये, गाजर 200 रुपये और नींबू 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। धनिया, जो पहले मुफ्त मिलता था, अब 50 रुपये का छोटा गट्ठर बिकता है। काबुल में अलोकोजाय ने रॉयटर्स को बताया, रोजाना 500 कंटेनर सब्जियां निर्यात के लिए तैयार थे, लेकिन अब सब खराब हो गए। तुर्कहम सीमा पर 5,000 कंटेनर फंसे हैं, जिससे टमाटर, सेब और अंगूर की भारी कमी हो गई है। वीरेंद्र/ईएमएस/28अक्टूबर2025