ज़रा हटके
30-Oct-2025
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वादुज (ईएमएस)। स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया के बीच बसा छोटा सा देश लिकटेंस्टीन न तो अपनी कोई मुद्रा छापता है, न ही इसके पास कोई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, फिर भी यह दुनिया के सबसे समृद्ध और सुरक्षित देशों में से एक है। लिकटेंस्टीन भौगोलिक रूप से छोटा देश है, लेकिन आर्थिक दृष्टि से यह दुनिया की सबसे स्थिर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता है। इसकी चतुर आर्थिक नीतियां इसकी सफलता की सबसे बड़ी वजह हैं। अपनी राष्ट्रीय मुद्रा छापने के बजाय इसने पड़ोसी देश स्विट्ज़रलैंड की मुद्रा ‘स्विस फ्रैंक’ को अपनाया है। इस फैसले ने देश को स्थिरता दी और केंद्रीय बैंक चलाने या मुद्रास्फीति नियंत्रण जैसी जटिल प्रक्रियाओं पर संसाधन खर्च करने की जरूरत नहीं रही। इस आर्थिक मॉडल ने लिकटेंस्टीन को न केवल महंगाई से बचाया बल्कि वित्तीय प्रबंधन में भी मजबूती दी। दिलचस्प बात यह है कि इस देश में कोई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नहीं है। इसके बावजूद यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती, क्योंकि स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया के आधुनिक हवाई अड्डे इसकी परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। लोग ट्रेन या कार से आसानी से इन देशों के एयरपोर्ट तक पहुंच जाते हैं। सड़कों का नेटवर्क इतना अच्छा है कि आने-जाने में बिल्कुल परेशानी नहीं होती। लिकटेंस्टीन की असली ताकत इसका मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर है। यह देश उच्च गुणवत्ता वाले औद्योगिक उपकरणों और हाई-टेक प्रोडक्ट्स के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। यहां बनाए जाने वाले पुर्जे और मशीनें दंत चिकित्सा, ऑटोमोबाइल, और यहां तक कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तक में उपयोग की जाती हैं। हिल्टी जैसी वैश्विक कंपनी इसी देश से संचालित होती है। यहां नागरिकों से ज्यादा पंजीकृत कंपनियां हैं, जिसके कारण रोजगार के अवसर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। यह देश केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सुरक्षा के मामले में भी मिसाल है। यहां अपराध दर लगभग शून्य है। कई रिपोर्टों के अनुसार, यहां अपराध की घटनाएं इतनी कम हैं कि स्थानीय लोग अपने घरों के दरवाजों पर ताला लगाना भी जरूरी नहीं समझते। इसका कारण है छोटा जनसमूह, सख्त प्रशासन और लोगों में कानून के प्रति गहरा सम्मान। लिकटेंस्टीन इस बात का जीवंत उदाहरण है कि किसी देश के विकास के लिए विशाल भूभाग या प्राकृतिक संसाधनों की नहीं, बल्कि समझदारीपूर्ण नीतियों और अनुशासित समाज की आवश्यकता होती है। बिना एयरपोर्ट और अपनी मुद्रा के भी यह देश साबित करता है कि “छोटा देश, बड़ी सोच” ही असली विकास की पहचान है। बता दें कि जब किसी देश के विकास की बात होती है, तो आमतौर पर बड़े भूभाग, विशाल सेना, मजबूत राष्ट्रीय मुद्रा और बड़े एयरपोर्ट जैसे मानकों को प्रमुखता दी जाती है,लेकिन इस छोटे से देश में ऐसा नहीं है। सुदामा/ईएमएस 30 अक्टूबर 2025