ज़रा हटके
29-Oct-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेद में लहसुन का स्वाद कड़वा और तीखा बताया गया है, इसकी तासीर गर्म है और यह वात तथा कफ दोष को शांत करने में मदद करता है। लहसुन सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला नहीं है, बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टि से यह एक अत्यंत लाभकारी औषधि भी माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले प्रमुख तत्व जैसे गंधक, एलिसिन, विटामिन बी6, मैग्नीशियम और सेलेनियम इसे स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी बनाते हैं। लहसुन हल्का, तीक्ष्ण और पचने में आसान होता है, जिससे यह शरीर को अनेक लाभ पहुंचाता है। इसका नियमित सेवन हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। यह धमनियों में जमी अवरोधों को हटाकर रक्त संचार को बेहतर बनाता है और कोलेस्ट्रॉल तथा ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है। साथ ही, लहसुन पाचन शक्ति को बढ़ाता है, पेट की अग्नि को तेज करता है और कब्ज, गैस या अपच जैसी समस्याओं में राहत पहुंचाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी लहसुन का योगदान महत्वपूर्ण है। इससे शरीर सर्दी, खांसी और अन्य संक्रमणों से लड़ने में सक्षम बनता है। आयुर्वेद के अनुसार, लहसुन जोड़ों के दर्द, गठिया और अर्थराइटिस में लाभकारी है। इसका सेवन वात और कफ से संबंधित विकारों को कम करता है। इसके अलावा, त्वचा पर होने वाले संक्रमण, फोड़े-फुंसी और अन्य रोगों में लहसुन का लेप उपयोगी माना जाता है। घरेलू उपायों में लहसुन के तेल से मालिश कान दर्द और मांसपेशियों की सूजन में राहत देती है। लहसुन का शहद के साथ सेवन प्रतिरक्षा बढ़ाने में सहायक है, जबकि लहसुन का काढ़ा सर्दी और खांसी में लाभकारी माना जाता है। इसे खाली पेट 1-2 कच्ची कलियों के रूप में, तेल या शहद के साथ, या काढ़ा बनाकर पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। नियमित और संतुलित सेवन से जीवन ऊर्जावान, रोगमुक्त और स्वस्थ बनता है। हालांकि, अत्यधिक गर्म तासीर के कारण अधिक मात्रा में सेवन करने पर पेट में जलन या पसीना आ सकता है। सुदामा/ईएमएस 29 अक्टूबर 2025