अंतर्राष्ट्रीय
30-Oct-2025
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ट्रंप प्रशासन ने अब तक नरमी के कोई संकेत नहीं दिए वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका में जारी सरकारी शटडाउन ने अमेरिकी नागरिकों के जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित करना शुरु कर दिया है। यह संकट पांचवें हफ्ते में प्रवेश कर चुका है और इसका असर आम नागरिकों से लेकर सरकारी योजनाओं और सेना पर दिख रहा है। करीब 14 लाख संघीय कर्मचारी या बिना वेतन काम कर रहे हैं या फिर अनिवार्य अवकाश पर जा चुके हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो इनदिनों एशियाई देशों के दौरे पर हैं, ने अब तक अपने रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई है, जबकि वॉशिंगटन में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। कई रिपोर्ट में सामने आया हैं कि वेतन न मिलने से कई कर्मचारी फूड डिलीवरी, डॉग वॉकिंग और पार्ट-टाइम नौकरियों से गुजारा कर रहे हैं। कुछ ने अपने घर और निजी सामान बेचने शुरू किए हैं। कई लोग फूड बैंक और चैरिटी संस्थाओं के सहारे जीवनयापन कर रहे हैं। जिनके पास लोन हैं, वे कर्जदाता कंपनियों से मोहलत मांगने को मजबूर हैं। अमेरिकी शटडाउन का असर अब गरीबों और निम्न-आय वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर भी पड़ने लगा है। पूरक पोषण सहायता कार्यक्रम (एसएनपीए), जिससे 4 करोड़ लोग लाभान्वित होते हैं, अक्टूबर के अंत तक धन संकट में आ सकता है। महिला एवं शिशु पोषण कार्यक्रम (डब्ल्यूआईसी), जो 70 लाख जरूरतमंद माताओं और बच्चों को भोजन व स्वास्थ्य सहायता देता है, इस सप्ताह के अंत तक बंद हो सकता है। एसेंशियल एयर सर्विस (ईएएस), जो दूरदराज क्षेत्रों में विमान सेवाएं सुनिश्चित करती है, बिना सब्सिडी के बंद होने के कगार पर है, खासकर अलास्का और मिडवेस्ट में। इतना ही नहीं शटडाउन का असर अमेरिकी सेना तक पहुंच गया है। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में सैन्य अनुसंधान फंड से 6.5 अरब डॉलर निकालकर सैनिकों के वेतन भुगतान की व्यवस्था की, एक कदम जिसे कानूनी रूप से विवादास्पद माना जा रहा है। राजनीतिक नेताओं के बीच गतिरोध अब भी कायम है। सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शूमर ने सरकार पर हमला कर कहा कि “प्रशासन के पास आपातकालीन निधि है, लेकिन उसका उपयोग जानबूझकर नहीं कर रही है। वहीं अर्थशास्त्रियों ने चेताया है कि अगर यही स्थिति जारी रही, तब अमेरिकी आर्थिक वृद्धि दर पर सीधा असर पड़ेगा। उपभोक्ता खर्च में कमी, सरकारी खरीद में रुकावट और अनुबंधों में देरी से जीडीपी वृद्धि दर धीमी हो सकती है। सीनेट के बहुमत नेता जॉन थून ने भी चेताया कि “अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तब हालात और बदतर हो सकते है। विश्लेषकों के अनुसार, 2019 की तरह यह शटडाउन भी अमेरिकी वित्तीय बाजारों को झटका दे सकता है और निवेशकों के भरोसे को कमजोर कर सकता है। फिलहाल, अमेरिका की जनता एक बार फिर राजनीतिक जिद और प्रशासनिक ठहराव की मार झेल रही है। आशीष/ईएमएस 30 अक्टूबर 2025