नई दिल्ली,(ईएमएस)। तूफान मोन्था ने तेज हवा और बारिश के साथ बुधवार सुबह ओडिशा के गंजम जिले में गोपालपुर बीच पर दस्तक दे दी है। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और हवा की रफ्तार 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, लैंडफॉल के बावजूद अगले 6 घंटों तक चक्रवात का असर जारी रहेगा। आंध्र प्रदेश में तबाही मचाने के बाद अब मोन्था का असर ओडिशा के कई जिलों में दिखने लगा है। राज्य के 8 जिलों- गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर में भारी बारिश और तेज़ आंधी की संभावना जताई गई है। राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर 11 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, जबकि 30 हजार से अधिक लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।ओडीआरएफ की 30 टीमों और एनडीआरएफ की 5 टीमों को राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। ओडिशा सरकार ने तटीय इलाकों में फिशिंग एक्टिविटी पूरी तरह रोक दी है और लोगों से समुद्र तट से दूर रहने की अपील की है।गोपालपुर, बेरहामपुर और रायगढ़ा के पास समुद्र में 8-10 फीट ऊंची लहरें देखी जा रही हैं।स्थानीय प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।एनडीआरएफ और ओडीआरएफ टीमें लगातार तटवर्ती इलाकों की निगरानी में जुटी हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत पहुंचाई जा सके। आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात मोन्था अगले कुछ घंटों में कमजोर पड़ सकता है, लेकिन भारी बारिश और तेज़ हवाएं जारी रहेंगी। गंजम, गजपति और रायगढ़ा जिलों में अगले 12 घंटे तक रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवात उत्तर-पूर्व की दिशा में आगे बढ़ते हुए झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी बारिश करा सकता है। इससे पहले मंगलवार रात चक्रवात मोन्था ने आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट पर लैंडफॉल किया था। शाम 7:30 बजे से लेकर देर रात करीब 1 बजे तक, यानी लगभग 5 घंटे 30 मिनट तक लैंडफॉल प्रक्रिया चली। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किमी प्रति घंटा रही, जो कुछ जगहों पर 110 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई।तीव्र हवाओं के साथ बारिश ने कई इलाकों में तबाही मचा दी। मछलीपट्टनम में कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए और समुद्र किनारे के मकान क्षतिग्रस्त हो गए। कई जगह बिजली के पोल और तार गिरने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। कोनासीमा जिले में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई जब तेज़ हवा में उनके घर पर पेड़ गिर गया। राज्य प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है और क्षतिग्रस्त इलाकों में बिजली बहाली के प्रयास जारी हैं। मोंथा तूफान के प्रभाव से तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आने वाले दो दिनों तक भारी बारिश और तेज़ हवाओं की स्थिति बनी रह सकती है। मौसम विभाग ने आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में राहत एवं बचाव दलों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं। मोंथा ने एक बार फिर साबित किया है कि समुद्री तूफानों का असर सिर्फ तटीय राज्यों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि उनका प्रभाव पूर्वी और मध्य भारत तक गहराई से महसूस किया जा सकता है। वहीं मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी है। कर्नाटक, गोवा, गुजरात, आंध्र, ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में समुद्र में ऊंची लहरें और उफान की स्थिति बनी रहेगी। पूर्व-मध्य अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों में 35 से 65 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने की संभावना है। वीरेंद्र/ईएमएस/29अक्टूबर2025 -------------------------------------