ज़रा हटके
31-Oct-2025
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वाशिंगटन (ईएमएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन और विभिन्न कैंसर रिसर्च संस्थानों के अनुसार, माइक्रोवेव में खाना गर्म करने से कैंसर का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। माइक्रोवेव रेडिएशन केवल खाने को गर्म करने के लिए होता है और यह खाने में रेडियोएक्टिविटी नहीं पैदा करता। लेकिन कुछ गलतियों से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। सबसे जरूरी है कि माइक्रोवेव में हमेशा “माइक्रोवेव सेफ” बर्तनों का इस्तेमाल किया जाए। गलत बर्तन, जैसे कुछ प्लास्टिक कंटेनर, गर्म होने पर हानिकारक केमिकल छोड़ सकते हैं। एल्यूमिनियम फॉयल या किसी भी तरह के धातु के बर्तन कभी माइक्रोवेव में न डालें। विशेष रूप से प्रेग्नेंट महिलाओं को प्लास्टिक बर्तनों से बचना चाहिए क्योंकि इनमें मौजूद केमिकल शरीर में जाकर स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। इसके बजाय कांच या सिरेमिक के बर्तन अधिक सुरक्षित माने जाते हैं। कई लोग मानते हैं कि माइक्रोवेव में खाना गर्म करने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि पोषक तत्वों का नुकसान माइक्रोवेव में उतना ही होता है जितना स्टोव या उबालने में। सही तापमान और समय पर खाना गर्म करने से पोषण सुरक्षित रहता है। इसके अलावा, खाना ज्यादा देर तक माइक्रोवेव में गर्म करना न केवल स्वाद और पोषण को प्रभावित करता है, बल्कि बर्तन और ओवन को भी नुकसान पहुंचा सकता है। खाना गर्म करते समय ढक्कन को पूरी तरह बंद न करें; हल्का खुला रहने से भाप बाहर निकल जाती है और डब्बा फटने या ओवरफ्लो होने का खतरा कम होता है। ओवन की सफाई और समय-समय पर उसकी जांच करना भी जरूरी है। खराब माइक्रोवेव या गंदे ओवन में खाना गर्म करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। संक्षेप में, माइक्रोवेव में खाना गर्म करना पूरी तरह सुरक्षित है, बशर्ते आप सही बर्तन का उपयोग करें, समय और तापमान का ध्यान रखें, और ओवन को साफ-सुथरा रखें। इन सरल सावधानियों के साथ आप माइक्रोवेव का फायदा उठा सकते हैं और स्वास्थ्य जोखिम से बच सकते हैं। बता दें कि आज के समय में माइक्रोवेव हर घर की रसोई का अहम हिस्सा बन गया है। ऑफिस, घर या होटल हर जगह इसका इस्तेमाल बढ़ गया है। खासकर सर्दियों में, जब खाने को जल्दी और आसानी से गरम करने की जरूरत होती है, माइक्रोवेव बेहद काम आता है। हालांकि, कई लोगों में यह धारणा है कि माइक्रोवेव से निकलने वाला रेडिएशन खाने को रेडियोएक्टिव बना सकता है और इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। सुदामा/ईएमएस 31अक्टूबर 2025