ज़रा हटके
31-Oct-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। ताजा अध्ययन में चेतावनी दी है कि लगातार रहने वाली रोशनी हमारे दिल की सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है। शोध में खुलासा हुआ है कि रात में अधिक रोशनी में रहने से न सिर्फ नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि शरीर की सर्कैडियन रिदम यानी जैविक घड़ी भी बिगड़ जाती है। यह गड़बड़ी सीधे हृदय पर असर डालती है। जब हम देर रात तक तेज रोशनी में रहते हैं चाहे कमरे की लाइट हो, मोबाइल की चमक हो या बाहर की स्ट्रीट लाइट तो शरीर को लगता है कि अभी दिन है, और वह ‘जागने की अवस्था’ में बना रहता है। इससे नींद के लिए जिम्मेदार हार्मोन मेलाटोनिन का स्तर घट जाता है, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है और शरीर में सूजन बढ़ने लगती है। यह स्थिति धीरे-धीरे हृदय रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग रात में सबसे अधिक रोशनी के संपर्क में रहते हैं जैसे कि तेज लाइट जलाकर सोना या देर रात तक फोन का इस्तेमाल करना उनमें हृदय रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है। आंकड़ों के अनुसार, ऐसे लोगों में कोरोनरी धमनी रोग का खतरा 32 प्रतिशत, हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत और स्ट्रोक का खतरा 30 प्रतिशत ज्यादा पाया गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि यह खतरा तब भी बना रहा जब शोधकर्ताओं ने डाइट, एक्सरसाइज, जेनेटिक कारणों और नींद की आदतों जैसे अन्य कारकों को ध्यान में रखा। यानी केवल रात की तेज रोशनी ही दिल के लिए एक स्वतंत्र जोखिम कारक बन रही थी। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो रात में अपने आसपास की रोशनी को सीमित करना बेहद जरूरी है। सूर्यास्त के बाद घर की लाइटों को डिम कर दें, खिड़कियों पर मोटे पर्दे या ब्लैकआउट कर्टन लगाएं ताकि बाहर की रोशनी अंदर न आए। सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप की स्क्रीन से दूरी बना लें। बेडरूम में तेज सफेद लाइट की जगह हल्की पीली या वार्म टोन वाली लाइट का इस्तेमाल करें। ये छोटे-छोटे बदलाव आपके सर्कैडियन रिदम को संतुलित रखते हैं और दिल की बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। रात की कृत्रिम रोशनी भले ही हमारी आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा बन गई हो, लेकिन यह धीरे-धीरे शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ रही है। अगर समय रहते सावधानी न बरती गई, तो यह रोशनी दिल के लिए अंधेरा साबित हो सकती है। बता दें कि हमारी जिंदगी में रोशनी का बेहद अहम रोल है। दिन में सूरज की रोशनी हमें ऊर्जा देती है और रात होते ही हम अपने घरों को कृत्रिम रोशनी से जगमग कर देते हैं। ऊपर से सीलिंग लाइट, कमरे के लैंप, टीवी की स्क्रीन और मोबाइल की ब्लू लाइट मिलकर रात को भी दिन जैसा उजाला बना देती हैं। सुदामा/ईएमएस 31अक्टूबर 2025