- भूटान और श्रीलंका जैसे छोटे देशों के नागरिकों को ज्यादा वैश्विक पहुंच - भारतीयों के लिए अब भी मुश्किल है वीजा प्रक्रिया - पाकिस्तान और अफगानिस्तान फिर रहे सबसे निचले पायदान पर नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत का पासपोर्ट दुनिया में लगातार कमजोर स्थिति में बना हुआ है। ताजा हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत का स्थान 199 देशों में 85वां है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5 पायदान नीचे है। यह रैंकिंग यह दर्शाती है कि भारतीय पासपोर्ट धारकों को कितने देशों में वीजा-फ्री या ऑन-अराइवल वीजा की सुविधा प्राप्त है। वर्तमान में भारतीय नागरिक केवल 57 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। यह स्थिति अफ्रीकी देश मॉरिटानिया के समान है, जो भारत के साथ 85वें स्थान पर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत जैसी विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बावजूद उससे छोटे देशों जैसे अज़रबैजान (72वां), घाना (74वां) और रवांडा (78वां) की पासपोर्ट रैंकिंग बेहतर है। पिछले दशक में भारत की स्थिति ज्यादातर 80 से 90 के बीच रही है। वर्ष 2021 में यह 90वें स्थान तक गिर गई थी। इसके विपरीत, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और जापान लगातार शीर्ष पर बने हुए हैं। इस साल सिंगापुर ने 193 देशों में वीजा-फ्री पहुंच के साथ पहला स्थान बरकरार रखा है, जबकि दक्षिण कोरिया 190 देशों के साथ दूसरे और जापान 189 देशों के साथ तीसरे स्थान पर है। दक्षिण एशिया में पाकिस्तान और अफगानिस्तान की स्थिति सबसे खराब बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान 103वें स्थान पर है, जिसके नागरिक केवल 35 देशों में वीजा-फ्री या ऑन-अराइवल सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। वहीं अफगानिस्तान दुनिया में सबसे नीचे, यानी 106वें स्थान पर है, जिसके पासपोर्ट पर केवल 29 देशों में ही वीजा-फ्री प्रवेश मिलता है। भारत सरकार ने इस रिपोर्ट पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की विदेश नीति, सुरक्षा चिंताएं और कड़े वीजा मानक इस कमजोर रैंकिंग के प्रमुख कारण हैं। उनका मानना है कि भारत को अपने वैश्विक साझेदारों के साथ वीजा सहयोग बढ़ाने और पासपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।