ज़रा हटके
04-Nov-2025
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लंदन (ईएमएस)। अगर धरती पर किसी जीव का दूध सबसे रहस्यमयी, गाढ़ा और पौष्टिक कहा जाए, तो वह व्हेल मछली का दूध है। यह समुद्र के भीतर बनने वाला ऐसा चमत्कार है, जो न केवल अपनी संरचना से वैज्ञानिकों को हैरान करता है, बल्कि पोषण के लिहाज से इसे सबसे शक्तिशाली तरल माना जाता है। व्हेल मछली का दूध इतना गाढ़ा होता है कि यह पानी में घुलता भी नहीं, बल्कि टूथपेस्ट या क्रीम जैसा दिखता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह दूध मां व्हेल अपने बच्चे को समुद्र के भीतर रहते हुए पिलाती है, ताकि वह पानी में न बह जाए और पूरा पोषण सीधे बच्चे तक पहुंचे। ब्लू व्हेल, जो धरती की सबसे बड़ी जीव है, लगभग तीन टन वजन वाले बच्चे को जन्म देती है। लेकिन इस बच्चे को तेजी से बढ़ाने की जिम्मेदारी इस असाधारण दूध की होती है। मां व्हेल प्रतिदिन करीब 200 लीटर दूध पैदा करती है, जिसमें लगभग 35 से 50 प्रतिशत वसा और 12 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता है। इसकी बनावट इतनी गाढ़ी होती है कि यह सामान्य दूध से कई गुना ज्यादा ऊर्जा देता है। परिणामस्वरूप, एक बेबी व्हेल एक दिन में 100 किलो तक वजन बढ़ा लेती है यानी हर घंटे लगभग 4 से 5 किलो। महज छह महीनों में उसका वजन 25 टन तक पहुंच जाता है, जो किसी भी जीव में विकास की सबसे तेज दरों में से एक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अत्यधिक वसा बच्चे को ठंडे महासागर के वातावरण में ऊर्जा और ऊष्मा बनाए रखने में मदद करती है। समुद्री यात्राओं के दौरान जब व्हेल माएं हजारों किलोमीटर तक अंटार्कटिका या अन्य ठंडे क्षेत्रों की ओर जाती हैं, तब यह गाढ़ा दूध उनके बच्चों के लिए जीवनदायिनी भूमिका निभाता है। इस दूध में मौजूद फैट ग्लोब्यूल्स सामान्य दूध की तुलना में बहुत बड़े होते हैं, जिससे इसकी बनावट चिपचिपी और गाढ़ी हो जाती है। यही वजह है कि इसे पीना नहीं, बल्कि लगभग चम्मच से खाना पड़ता है। हालांकि, इस दूध का स्वाद इंसान के लिए किसी सजा से कम नहीं है। इसमें समुद्री मछली की तीव्र गंध होती है और यह खारा होता है, क्योंकि व्हेल का आहार मुख्य रूप से प्लैंकटन होता है। इंसान अगर इसे चखने की कोशिश करे तो उल्टी जैसा महसूस हो सकता है, क्योंकि हमारा पाचन तंत्र इतनी अधिक वसा को सह नहीं सकता। इसके बावजूद, व्हेल शिशुओं के लिए यह दूध अमृत के समान है, जो उन्हें समुद्र के कठोर वातावरण में जीवित रहने की शक्ति देता है। ताजा वैज्ञानिक अध्ययन ने यह खुलासा किया कि व्हेल के दूध में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अत्यधिक मात्रा होती है, जो हृदय के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह दूध इंसानी दूध की तुलना में 10 गुना अधिक वसा और चार गुना अधिक प्रोटीन से भरपूर है। हालांकि इसे संग्रहित करना बेहद कठिन है, क्योंकि व्हेल समुद्र की गहराइयों में अपने बच्चों को दूध पिलाती हैं। सुदामा/ईएमएस 04 नवंबर 2025