नई दिल्ली (ईएमएस)। रोहिणी जिला न्यायालय ने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में नौ लोगों को बरी कर दिया है। न्यायालय ने पीड़िता पर झूठे आरोप लगाने के कारण 3.75 लाख रुपये का मुआवजा वसूलने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि पीड़िता और उसकी मां के बयानों में विरोधाभास है और केवल संदेह के आधार पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। यह पहला मामला है जहां पीड़ित पक्ष से मुआवजा राशि वसूली जाएगी। अपने फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि कोई अपराध नहीं हुआ। मात्र संदेह के आधार पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। पीड़िता और उसकी मां ने लगातार अपने बयान बदले हैं, और ये विरोधाभास इतने गंभीर हैं कि एक बयान दूसरे को नकार देता है। इस पर एक illustrator स्केच बनाकर दे