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07-Nov-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया बोइंग ड्रीमलाइनर विमान हादसे पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस दुर्घटना के लिए पायलट-इन-कमांड सुमीत सभरवाल को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अदालत ने कहा कि “इस हादसे में सुमीत की कोई गलती नहीं थी, और आप (पिता) को यह बोझ अपने दिल पर नहीं रखना चाहिए।” यह टिप्पणी जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की पीठ ने उस समय की जब 91 वर्षीय पुष्कराज सभरवाल, जो मृत पायलट सुमीत सभरवाल के पिता हैं, ने एक याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में मांग की थी कि इस हादसे की जांच निष्पक्ष रूप से हो और उनके बेटे की छवि पर कोई संदेह न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी पायलट पर किसी प्रकार का आरोप नहीं है।” अदालत ने यह भी कहा कि हादसे की जांच पूरी होने तक किसी भी व्यक्ति या संस्था को दोष नहीं दिया जा सकता। इसके साथ ही, अदालत ने केंद्र सरकार और डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को नोटिस जारी कर इस याचिका पर जवाब मांगा है। हादसे से जुड़ी प्रारंभिक रिपोर्ट में एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने कहा था कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति अचानक बंद हो गई थी, जिससे नियंत्रण खो गया और विमान क्रैश हो गया। इस दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हुई थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने पिता से कहा, “यह हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन आपको यह सोचकर दुखी नहीं होना चाहिए कि आपके बेटे को दोषी ठहराया जा रहा है। सुमीत ने अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभाया था।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए जांच एजेंसियों को निष्पक्ष रूप से कार्य करने दिया जाए।