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07-Nov-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। देशभर में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने निर्देश दिया, कि स्कूलों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थलों के पास घूम रहे आवारा कुत्तों को तुरंत हटाकर शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इन स्थानों को पूरी तरह ‘स्ट्रे डॉग फ्री’ जोन बनाया जाए, ताकि आम नागरिकों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए शुरू की। अदालत ने 28 जुलाई को दिल्ली में कुत्तों के हमले से एक बच्चे की मौत और रेबीज के मामलों पर आई मीडिया रिपोर्ट्स को आधार बना कर मामले की सुनवाई की थी। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, कि कुत्तों के काटने की घटनाओं में लगातार वृद्धि बेहद चिंताजनक है और इसे रोकने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे। शीर्ष अदालत ने सभी राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों को निर्देश दिया कि वे एक संयुक्त अभियान चलाकर सड़कों और सार्वजनिक परिसरों से आवारा कुत्तों को पकड़ें और उन्हें सुरक्षित रूप से शेल्टर होम में रखें। साथ ही, वहां उनकी नियमित देखभाल और टीकाकरण की उचित व्यवस्था की जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की क्रूरता या अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसका पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। अदालत ने इस दौरान राज्य सरकारों की लापरवाही पर भी नाराजगी जताई। दरअसल, 27 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने पाया था कि पूर्व में दिए गए आदेशों के बावजूद अधिकांश राज्यों ने अनुपालन हलफनामा दाखिल नहीं किया था। केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने ही रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। अदालत ने कहा, कि इस मसले पर सभी राज्यों को गंभीरता दिखानी होगी, क्योंकि यह सीधे तौर पर नागरिकों की जान की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देशभर में सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। हिदायत/ईएमएस 07नवंबर25