07-Nov-2025
...


- शौचायलयो पर विज्ञापन लगाने वाली एंजेसी संचालक के साथ मिलकर की हेराफेरी - ईओडब्ल्यू ने आठ से अधिक के खिलाफ दर्ज की नामजद एफआईआर भोपाल(ईएमएस)। ईओडब्ल्यू ने फर्म दीपक एडर्वटाइजर्स के साथ मिलकर नगर निगम ग्वालियर को 54 लाख की चपत लगाने के मामले में शिकायत की जॉच के बाद निगम के अफसरो-कर्मचारियो और विज्ञापन एंजेसी के संचालक सहित 8 से अधिक नामजद आरोपियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा ईओडब्ल्यू इकाई ग्वालियर में नगर पालिका निगम ग्वालियर के अधिकारियों-कर्मचारियों और मैसर्स दीपक एडर्वटाइजर्स की मिलीभगत कर लाखो रुपये का फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगाये थे। शिकायत में कहा गया की नियम विरुद्व फर्म को अनुचित लाभ देते हुए बकाया पैनेल्टी राशि एवं विज्ञापन की रकम कम कर निगम को लाखो रुपये की आर्थिक क्षति पहुँचाने के आरोपल लगाये गये थे। शिकायत की जांच में सामने आया की नगर निगम ग्वालियर के 48 सार्वजनिक शौचालयों पर विज्ञापन के लिये 10 नवंबर 2017 को निविदा आमंत्रित की गई थी। इसके लिये फर्म दीपक एडर्वटाइजर्स को सार्वजनिक शौचालयों पर विज्ञापन करने की निविदा स्वीकृत की गई थी। आयुक्त नगर निगम ग्वालियर की ओर से तत्कालीन सीसीओ प्रदीप चतुर्वेदी और फर्म दीपक एडर्वटाइजर्स की ओर से दीपक जेठवानी द्वारा अनुबंध किया गया था। इस एग्रीमेंट की शर्त नंबर 1 में नगर निगम ग्वालियर के 48 प्रमुख सार्वजनिक सुलभ शौचालयों व शर्त क्रमांक 10 में टेण्डर अवधि समाप्त होने पर निविदाकार को 5 प्रतिशत राशि बढ़ाकर आगामी सालो के लिये टेंडर नवीनीकरण किये जाने का उल्लेख कूटरचित है। जॉच में सामने आया की मेयर-इन-काउंसिल के संकल्प क्रमांक 582 में इन शर्तों का कोई उल्लेख नहीं है। सबंधित एजेंसी द्वारा किये गये विज्ञापन की देय राशि का निर्धारण करने के लिये ग्वालियर नगर पालिक निगम द्वारा समय-समय पर समितियां गठित की गई, जिन्होंने संचालक मैसर्स दीपक जेठवानी को आर्थिक लाभ देने के लिये नियम विरुद्ध तरीके से सिर्फ 38 सार्वजनिक शौचालयों एंव मूत्रालयों पर होर्डिंग्स पर विज्ञापन पर देय राशि का निर्धारण 48 लाख 85 हजार 272 रूपये 5 दिसंबर 2020 और अन्य समिति द्वारा 11 दिसंबर 2021 को विज्ञापन की देय राशि की गणना 18 लाख 56 हजार 942 रूपये की गई जबकि वास्तव में 36 माह की अवधि के अनुसार 48 सार्वजनिक शौचालयों के विज्ञापन देय राशि 72 लाख 57 हजार 600 रूपये होने से शासन को 54 लाख 658 रूपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। जॉच के आधार पर ईओडब्ल्यू द्वारा आरोपी सीसीओ प्रदीप चतुर्वेदी की मृत्यु हो जाने से अन्य आरोपिया सहायक नोडल अधिकारी शशिकांत शुक्ला, सहायक लिपिक मदन पालिया आउटसोर्स कर्मचारी धर्मेन्द्र शर्मा, अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव, अपर आयुक्त वित्त देवेन्द्र पालिया, अधीक्षण यंत्री जेपी पारा, उपायुक्त विज्ञापन सुनील सिंह चौहान और फर्म दीपक एडर्वटाइजर्स के संचालक दीपक जेठवानी सहित अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, चार सौ बीसी सहित अन्य धाराओ में एफआईआर दर्ज की गई है। जुनेद / 7 नवंबर