नई दिल्ली (ईएमएस)। डेंगू की बीमारी अक्टूबर-नवंबर के महीनों में बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपनी चपेट में ले लेता है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते शामिल हैं। मच्छरों से बचने के लिए कपूर और नारियल तेल का मिश्रण बहुत कारगर है। इसके लिए कपूर और नारियल के तेल को हल्का गर्म कर लें और ठंडा होने पर इसे शरीर के खुले हिस्सों जैसे हाथ-पैर पर लगाएं। कपूर की तीखी सुगंध मच्छरों को दूर रखती है और यह मिश्रण त्वचा पर एक सुरक्षा परत बना देता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे वयस्कों के साथ बच्चों पर भी सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर किसी को डेंगू हो गया है, तो राहत के लिए मुंह में छोटी हरी इलायची रखना फायदेमंद माना गया है। इलायची में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और सूजन-रोधी तत्व रक्त को शुद्ध करते हैं और प्लेटलेट्स के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करते हैं। इसे मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसना चाहिए, इससे बुखार में आराम मिलता है और शरीर में ताकत बनी रहती है। डेंगू के मरीजों के लिए पपीते के पत्तों का रस भी बेहद प्रभावी घरेलू उपाय माना जाता है। डेंगू के दौरान शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है, और पपीते के पत्ते उसे बढ़ाने में मदद करते हैं। पत्तों को उबालकर तैयार किया गया काढ़ा रोजाना पीने से प्लेटलेट्स का स्तर सामान्य बना रहता है। इसके अलावा गिलोय का रस और धनिए का पानी भी शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। डेंगू के दौरान खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है। मरीज को हल्का और पौष्टिक भोजन जैसे मूंग दाल का दलिया, सब्जियों का सूप, नारियल पानी, नींबू पानी और शहद का सेवन करना चाहिए। शरीर में कमजोरी और दर्द की शिकायत के लिए हल्दी वाला दूध बेहद उपयोगी है। हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सुदामा/ईएमएस 11 नवंबर 2025