- आरोपी डॉक्टर दिल्ली से गिरफ्तार, गिरोह के तार बिहार से जुड़े भोपाल(ईएमएस)। कोहेफिजा थाने में दर्ज नीट यूजी स्टेट लेवल काउंसिलिंग के माप अप राउंड के लिए कान की विकलांगता का फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के मामले में एक एजेंट (डॉक्टर) को पुलिस ने दिल्ली से हिरासत में लिया है। टीम ने उसके पास से एजेंट के कई सर्टिफिकेट के फारमेट और सीले जप्त की हैं। जॉच में खुलासा हुआ था कि 1 फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का सौदा 25 लाख में तय हुआ था, और इस गिरोह के नेटवर्क के तार बिहार तक फैले हुए हैं। सौदेबाजी की रकम बिहार के छह खातों में ट्रांसफर की गई थी। कोहेफिजा पुलिस के मुताबिक नीट यूजी एग्जाम 2025 के एडमिशन की काउंसलिंग के दौरान माप अप राउंड में उम्मीदवारों के दस्तावेजों की जॉच की गई थी। सहर्सा, बिहार के छात्र हिमांशु कुमार और मुंबई की क्रिस्टल डी कोस्टा ने बीएचयू के अंतर्गत एसएस हास्पिटल द्वारा कान (पीएच) की विकलांगता का सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया था। जीएमसी की कमेटी को इन दस्तावेजों पर संदेह हुआ उनके द्वारा दोनों के सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए ईमेल के जरिए एसएस हास्पिटल भेजे गए थे। हास्पिटल ने सत्यापन रिपोर्ट भेजी जिसमें साफ हुआ की उक्त सर्टिफिकेट उनके द्वारा जारी नहीं किए गए हैं। इसके बाद पुलिस से शिकायत की गई जहॉ हिमांशु कुमार और क्रिस्टल डी कोस्टा के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने और परीक्षा अधिनियम की धाराओ के तहत प्रकरण दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। आरोपियो से पूछताछ में सामने आया की 1 फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का सौदा 25 लाख रुपए में तय हुआ था। इसके लिये क्रिस्टल ने 15 लाख रुपए एजेंट को ट्रांसफर किए थे, वहीं हिमांशु ने काउंसलिंग के बाद रकम देने का वादा किया था। पड़ताल में यह भी सामने आया कि जिन 6 एकांउट में रकम ट्रांसफर की जा रही थी, वह बिहार के थे। पुलिस अब इन खातों की जानकारी जुटा रही है, साथ ही पुलिस पार्टी बिहार रवाना की गई है। जुनेद / 11 नवंबर