एनआईए और एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंची नई दिल्ली (ईएमएस)। लाल किले के पास चलती कार में हुए भीषण बम धमाके की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीमें क्राइम सीन पर पहुंची हैं। जांच अधिकारी के हाथों में पारदर्शी प्लास्टिक बैग हैं, जिसमें वे हर छोटे-बड़े सबूत को सावधानी से इकट्ठा कर रहे हैं। इस धमाके में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि धमाका हुंडई आई20 कार में हुआ। कार को पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर चला रहा था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने ब्लास्ट की जांच औपचारिक रूप से एनआईए को सौंप दी है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद धमाके की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंप दी गई है। केंद्रीय मंत्री शाह ने दोपहर एक और उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। सभी टॉप जांच एजेंसियों को इस हमले की तह तक जाने के निर्देश दिए। इस हमले से कुछ घंटे पहले सोमवार दोपहर को आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें तीन डॉक्टर भी शामिल थे। यह नेटवर्क कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से करीब 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया था। गिरफ्तार डॉक्टरों में डॉ. मुज़म्मिल गनई और डॉ.शाहीन सईद शामिल हैं। शाहीन सईद भारत में जैश-ए-मोहम्मद के महिला भर्ती विंग की हेड थी और जमात-उल-मोमिनात नाम से सक्रिय थी। उमर नबी भी अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा था। आशीष दुबे / 11 नवंबर 2025