ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) 17 नवंबर को देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मामले में फैसला सुनाने जा रही है। कोई फैसला आए इससे पहले ही देश में पूर्व प्रधानमंत्री के लिए प्रदर्शनकारियों पर की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए अदालत से उन्हें मृत्युदंड देने की अपील की गई है। फैसले से पहले बांग्लादेश में तनाव फैला हुआ है। कई जगह बम फेंके गए और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने शेख हसीना के ट्रायल के विरोध में देशव्यापी लॉकडाउन बुलाया है। हिंसा की आशंका को देखते हुए ढाका सहित कई शहरों में स्कूलों में छुट्टियां दे दी गई हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी असर पड़ा है। राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और ट्रिब्यूनल कॉम्प्लेक्स के आसपास सेना तैनात कर दी गई है। बता दें कि हसीना पर पिछले साल ढाका में हुए प्रदर्शन और हिंसा के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध से जुड़े पांच गंभीर आरोप हैं। इस मामले में हसीना के साथ साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल और उस समय के आईजीपी चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को भी ट्रायल का सामना करना पड़ा है। दोनों को भी अदालत ने फरार आरोपी घोषित किया है। शेख हसीना ने पिछले साल हुई हिंसा के बाद से भारत में शरण ली है। बीते 23 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी हुई थी। 28 दिनों तक चली इस सुनवाई में 54 गवाहों ने गवाही दी। ट्रिब्यूनल में हसीना और दो अन्य पर पांच तरह के अपराधों का आरोप है। पहला आरोप हत्या, हत्या का प्रयास, टॉर्चर और इनह्यूमन एक्ट्स का है। दूसरे आरोप में कहा गया है कि हसीना ने प्रदर्शनकारियों का सफाया करने का आदेश दिया। तीसरे में कहा गया है कि उन्होंने भड़काऊ बयान दिए और छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया। बाकी आरोपों में ढाका और आसपास छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों, जिनमें छात्र भी शामिल थे, की गोली मारकर हत्या का मामला है। संयुक्त राष्ट्र की फरवरी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले साल ढाका में हुई हिंसा में करीब 1,400 लोग मारे गए हो सकते हैं। वहीं, बांग्लादेश सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार के अनुसार 800 से अधिक लोगों की मौत हुई और लगभग 14,000 लोग घायल हुए। आईसीटी के चीफ प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने इन मौतों का हवाला देते हुए कहा है कि शेख हसीना 1,400 मौत की सजा की हकदार हैं। उन्होंने कहा, यह मानव रूप से संभव नहीं है, इसलिए हम कम से कम एक डेथ पेनल्टी की मांग करते हैं। उन्होंने हसीना एक को कठोर अपराधी बताया और कहा कि उन्हें अपनी की गई बर्बरता पर कोई पछतावा नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/14नवंबर2025