ओलंपिक में जीते हैं कुल 28 पदक नई दिल्ली (ईएमएस)। तैराकी आज ओलंपिक सहित कई खेलों का अहम हिस्सा है जबकि पहले के समय में किसी ने इसकी कल्पना नहीं की थी कि इसे भी खेलों में जगह मिलेगी। ओलंपिक खेलों में अमेरिका के माइकल फेल्प्स विश्व के सबसे सफल तैराक हैं। फेल्प्स ने ओलंपिक में कुल 28 पदक जीते हैं, जिनमें 23 स्वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्य पदक शामिल हैं। वह न सिर्फ तैराकी में बल्कि किसी भी इवेंट में ओलंपिक इतिहास के सबसे सफल और सबसे ज्यादा पदक जीतने वाले एथलीट हैं। तैराकी स्पर्धा की सबसे अधिक सुविधा संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और सिंगापुर में हैं । सिंगापुर ने रियो ओलंपिक में तैराकी में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा, स्वीडन, नीदरलैंड, नॉर्वे, और फिनलैंड में भी तैराकी काफी लोकप्रिय है। वहीं भारत की बात की जाये तो अभी वह काफी पीछे हैं। देश में स्विमिंग पूल की कमी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, प्रमुख बाधा है। स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नियमित रूप से राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करता है पर अभी ये पर्याप्त नहीं कही जा सकती हैं। अगर तैराकी के यहां तक के सफल्र पर नजर डालें तो प्राचीन मिस्र, यूनान और रोम में तैराकी सैन्य प्रशिक्षण, मनोरंजन और स्वास्थ्य का हिस्सा थी। वहीं इसके बाद 19वीं सदी में ब्रिटेन में तैराकी क्लब बने। धीरे-धीरे तैराकी का विकास एक खेल के रूप में हुआ और इसे 1896 के ओलंपिक में शामिल किया गया। महिला तैराकों को ओलंपिक में पहली बार भाग लेने का अवसर 1912 से मिला। 20वीं सदी में तकनीकी प्रगति हुई। फ्लिपर्स, गॉगल्स और स्पीडो सूट जैसे उपकरण आए। फेडरेशन इंटरनेशनल डी नेटेशन की स्थापना 1908 में हुई, जो नियम निर्धारित करती है। समय के साथ तैराकी में फ्रीस्टाइल, बैकस्ट्रोक, ब्रेस्टस्ट्रोक और बटरफ्लाई शैलियां विकसित हुईं। 1896 ओलंपिक से शुरू हुआ तैराकी का वैश्विक सफर 2024 ओलंपिक तक एक समृद्ध विरासत के रूप में विकसित हो गया है। आज तैराकी को खेल के साथ-साथ फिटनेस के नजरिये से भी बेहद अहम माना जाता है। गिरजा/ईएमएस 17 नवंबर 2025