-अपने कार्यकाल में राफेल डील, आरटीआई और अयोध्या जैसे ऐतिहासिक फैसले दिए नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मंगलवार को अपना 71वां जन्मदिन मनाया। रंजन गोगोई राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता असम के सीएम थे। वह सुप्रीम कोर्ट के सबसे यादगार चीफ जस्टिस रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में राफेल डील, सबरीमाला मंदिर, चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने और अयोध्या केस से जुड़े ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। असम के डिब्रूगढ़ में 18 नवंबर 1954 को रंजन गोगोई का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम केशव गोगोई और मां का नाम शांति देवी था। रंजन गोगोई ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई पूरी की थी। वहीं इनके पिता केशव गोगोई एक समाजसेवी थे और फिर बाद में धीरे-धीरे राजनीति में आ गए। साल 1978 में बार काउंसिल में शामिल हुए जस्टिस रंजन गोगोई मुख्य रूप से गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकालत करनी शुरू की। वहीं 28 फरवरी 2001 को रंजन गोगोई गुवाहाटी हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद साल 2010 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में उनका ट्रांसफर हो गया। वहीं 23 अप्रैल 2013 में रंजन गोगोई को सुप्रीमकोर्ट में न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया था। फिर 3 अक्टूबर 2018 को रंजन गोगोई को भारत के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया। वहीं नवंबर 2019 में रंजन गोगोई सीजेआई के पद से रिटायर हो गए हैं। रंजन गोगोई राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ऐतिहासिक राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद का निपटारा जस्टिस रंजन गोगाई के कार्यकाल में हुआ था। वहीं साल 2019 में रंजन गोगोई रिटायर हो गए। उन्होंने राफेल सौदे पर भी अहम फैसले किए। वहीं साल 2020 में रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। वह राज्यसभा में सेवा देने वाले सुप्रीम कोर्ट के तीसरे न्यायाधीश हैं। सिराज/ईएमएस 18नवंबर25