लंदन (ईएमएस)। कई देशों में अब पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हो चुकी है। दुनिया में एक और बड़ा जनसांख्यिकीय परिवर्तन चुपचाप आकार ले रहा है। विश्व बैंक के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी यूरोप, एशिया के कुछ क्षेत्रों और दक्षिणी अफ्रीका में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों से स्पष्ट रूप से अधिक है। यह बदलाव अचानक नहीं, बल्कि आबादी के बूढ़े होने, पुरुषों के प्रवासन और जीवनशैली संबंधी कारकों के चलते धीरे-धीरे विकसित हुआ है। यूरोप में यह बदलाव सबसे ज्यादा स्पष्ट दिखाई देता है। लातविया, लिथुआनिया और यूक्रेन में हर 100 पुरुषों पर 116 से 118 महिलाएं मौजूद हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक लैंगिक असमानता वाला अनुपात है। इसके पीछे प्रमुख कारण पुरुषों की औसतन कम जीवन प्रत्याशा और बड़े पैमाने पर उनका विदेशों में रोजगार हेतु प्रवास है। उम्रदराज आबादी में भी महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक संख्या में बची रहती हैं। रूस और बेलारूस जैसे देशों में भी यही पैटर्न देखने को मिलता है। पश्चिमी यूरोप जैसे पुर्तगाल, फ्रांस और जर्मनी में भी महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है, हालांकि यह अंतर अपेक्षाकृत कम है। यहां भी महिलाओं की औसत आयु पुरुषों से 4–6 वर्ष अधिक होना मुख्य वजह है। एशिया में नेपाल और हांगकांग दो प्रमुख उदाहरण हैं जहां यह लैंगिक असंतुलन साफ दिखता है। नेपाल में रोजगार के लिए पुरुषों का बड़े पैमाने पर विदेश जाना महिलाओं की आबादी को अनुपातिक रूप से अधिक बनाता है। हांगकांग में महिलाओं की लंबी आयु और पुरुषों की कम सर्वाइवल दर इस प्रवृत्ति को वर्षों से कायम रखे हुए है। अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भी यही रुझान उभर रहा है। लेसोथो और नामीबिया में पुरुषों का दक्षिण अफ्रीका की खदानों और उद्योगों में काम करने जाना आम बात है, जिससे स्थानीय आबादी में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ जाता है। दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना और उरुग्वे में उम्रदराज आबादी में महिलाओं की संख्या पुरुषों से काफी अधिक है क्योंकि बुजुर्ग आयु वर्ग में महिलाएं अधिक समय तक जीवित रहती हैं। वैश्विक स्तर पर हालांकि पुरुषों और महिलाओं का अनुपात लगभग संतुलित है हर 100 महिलाओं पर लगभग 101 पुरुष लेकिन उम्र बढ़ने के साथ यह संतुलन महिलाओं की ओर झुक जाता है। सुदामा/ईएमएस 20 नवंबर 2025