ज़रा हटके
20-Nov-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। रात में तेज खर्राटे आते हैं या सुबह उठने पर गले में सूखापन और भारीपन महसूस होना कफ और वात के असंतुलन की वजह से होता है। नाक और गले में जमा कफ सांस को सही ढंग से गुजरने नहीं देता, जिससे खर्राटे और सूखा मुंह जैसी समस्याएं होती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इससे निपटने के लिए 7 दिन का सरल आयुर्वेदिक प्लान अपना सकते हैं। पहले दिन नस्य थेरेपी से शुरुआत करें। सुबह और रात को सोने से पहले 2-2 बूंद अणु तेल दोनों नथुनों में डालें। यह नाक खोलने और गले की सूजन कम करने में मदद करता है। दिनभर सिर्फ गरम पानी पीते रहें। दूसरे दिन रात को गुनगुने पानी में हल्दी और नमक डालकर गरारा करें, फिर अजवाइन डालकर 5 मिनट भाप लें। सोते समय करवट लेकर सोएं। तीसरे दिन शहद-अदरक थेरेपी अपनाएं। 1 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार लें। इससे गले की सूजन, सूखापन और खर्राटे कम होंगे। रात का भोजन हल्का लें। चौथे दिन आहार सुधारें। दही, दूध और मीठे का सेवन कम करें। हल्का भोजन जैसे मूंग दाल खिचड़ी या सूप लें। नींबू पानी और तुलसी चाय दिनभर पीते रहें। सुबह भ्रामरी प्राणायाम 10 बार करें। पांचवे दिन गले पर हल्का गर्म सरसों या नारियल तेल लगाकर मालिश करें। सोने से पहले 2 बूंद घी नाक में डालें। छठवें दिन हर्बल काढ़ा बनाएं। इसके लिए तुलसी, मुलेठी, अदरक और दालचीनी उबालें। सुबह-शाम इसे पिएं। रात में सोने से पहले अजवाइन भाप लें। सातवें दिन शरीर का संतुलन बनाए रखें। सुबह 15 मिनट ध्यान और प्राणायाम (अनुलोम-विलोम और भ्रामरी) करें। रात में गले पर हल्का गर्म कपड़ा रखें। आयुर्वेदिक रूप से गरम पानी, अदरक-हल्दी वाली चाय, तुलसी और मुलेठी का सेवन फायदेमंद है। तैलीय, भारी और ठंडी चीजें कम लें। धूम्रपान, शराब और ज्यादा मीठा न लें, वजन नियंत्रित रखें और कमरे में नमी बनाए रखें। सोते समय नाक से सांस लेने की आदत डालें। सुदामा/ईएमएस 20 नवंबर 2025