वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को ईरान के गुप्त तेल व्यापार नेटवर्क को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। इस बार प्रतिबंधों की सूची में भारत की दो कंपनियाँ भी शामिल हैं, लेकिन वजह रूस नहीं, बल्कि ईरानी तेल और बिटुमेन का कथित व्यापार है। अमेरिकी विदेश विभाग और वित्त विभाग (ओएफएसी) ने कुल 17 संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों को ब्लैकलिस्ट किया है। इनमें भारत स्थित टीआर-6 पेट्रो और आरएन शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड प्रमुख हैं। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा, ईरान की तेल आय को रोकना क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। इन सभी प्रतिबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों की अमेरिका में मौजूद संपत्ति फ्रीज कर दी गई है और अमेरिकी नागरिकों-कंपनियों को इनसे किसी भी तरह का लेन-देन करने पर रोक लगा दी गई है। अमेरिका ने स्पष्ट किया कि ये प्रतिबंध ईरान के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए हैं, हालाँकि उल्लंघन करने वालों पर भारी सिविल और आपराधिक दंड का प्रावधान भी रखा गया है।अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, ये संस्थाएँ ईरान के “शैडो ऑयल नेटवर्क” का हिस्सा हैं, जो फर्जी दस्तावेज़, जहाजों की ट्रैकिंग प्रणाली बंद करना और झूठी पहचान के ज़रिए ईरानी तेल को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचाती हैं। इस नेटवर्क से ईरान को अरबों डॉलर की अवैध आय होती है, जिसका इस्तेमाल वह अपने परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय प्रॉक्सी समूहों को फंड करने में करता है। भारत की टीआर-6 पेट्रो पर आरोप है कि उसने अक्टूबर 2024 से जून 2025 के बीच ईरानी मूल के लगभग 80 लाख डॉलर का बिटुमेन (सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाला पेट्रोलियम उत्पाद) खरीदा। दूसरी कंपनी आरएन शिप मैनेजमेंट पर इल्ज़ाम है कि उसने ईरान की आईआरजीसी से जुड़ी सेपहर एनर्जी जहां कंपनी के लिए कच्चे तेल के परिवहन के जहाज़ चलाए। कंपनी के दो भारतीय निदेशक जैर हुसैन इकबाल हुसैन सईद और ज़ुल्फिकार हुसैन रिजवी सईद को भी व्यक्तिगत रूप से प्रतिबंधित किया गया है। अमेरिका का दावा है कि आरएन शिप मैनेजमेंट यूएई, पनामा, जर्मनी, ग्रीस और गाम्बिया की कंपनियों के उस समूह का हिस्सा है जो ईरानी तेल को छिपाकर बेचता है। इनके अलावा ईरान की निजी एयरलाइन महान एयर और उसकी सहायक यज्द इंटरनेशनल एयरवेज पर भी व्यापक प्रतिबंध लगे हैं। अमेरिका का आरोप है कि ये एयरलाइंस आईआरजीसी-कुद्स फोर्स के लिए सीरिया और लेबनान में हथियार, सैनिक और सैन्य सामग्री पहुँचाती रही हैं। एयरलाइंस के कई वरिष्ठ अधिकारियों और सात पश्चिमी देशों में निर्मित विमानों को भी ब्लॉक कर दिया गया है। वीरेंद्र/ईएमएस/21नवंबर2025