राष्ट्रीय
22-Nov-2025
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मुम्बई (ईएमएस)। महाराष्ट्र में आगामी निकाय चुनाव से पहले राजनीति गरमा गई है। मालेगांव में प्रचार के दौरान डिप्टी सीएम अजित पवार ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने चुनावी विमर्श को नया मोड़ दे दिया। पवार ने मंच से कहा, “आपके पास वोट हैं, मेरे पास पैसे हैं। अगर हमारे उम्मीदवार जीतेंगे तो मैं पैसे की कमी नहीं होने दूंगा, नहीं चुनेंगे तो मैं भी आपकी मदद नहीं करूंगा।” एनसीपी उम्मीदवारों के समर्थन में दिए गए इस बयान को विपक्ष ने “खुली धमकी” और “सरकारी धन को निजी संपत्ति की तरह पेश करने” की कोशिश बताया। महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व विपक्षी नेता अंबादास दानवे ने कहा कि वोट देना नागरिक अधिकार है और विकास निधि जनता के टैक्स के पैसे से आती है, किसी नेता की निजी संपत्ति नहीं। उन्होंने चुनाव आयोग से इस बयान पर संज्ञान लेने की मांग की। दानवे ने मराठवाड़ा में किसानों की खराब स्थिति पर भी चिंता जताई और बताया कि पिछले दस महीनों में 899 किसानों ने आत्महत्या की है, जिनमें से अधिकांश को सरकार की राहत नहीं मिली। मालेगांव में एनसीपी और बीजेपी समर्थित गुट के स्थानीय गठबंधन के चलते मुकाबला पहले से ही दिलचस्प है, और पवार की यह टिप्पणी 2 दिसंबर को होने वाले चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान और बढ़ा रही है। - पवार की सफ़ाई विवाद बढ़ने के बाद अजित पवार ने कहा कि विपक्ष प्रतिक्रिया दे सकता है, लेकिन वे केवल विकास कार्यों की बात करते हैं और निधि को सही जगह उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा कि जनता ही अंतिम फैसला करती है और बयान को गलत अर्थ में नहीं लेना चाहिए। विपक्ष इसे मतदाताओं पर दबाव बताता है, जबकि पवार समर्थक इसे चुनावी रणनीति कहते हैं। अब अंतिम फैसला मालेगांव की जनता के हाथ में है। ईएमएस, 22 नवम्बर, 2025