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24-Nov-2025
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-अपडेट की स्थिति जानने बीएलओ या चुनाव कार्यालय से संपर्क करना सही तरीका नई दिल्ली,(ईएमएस)। देशभर में वोटर लिस्ट को अपडेट करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसी बीच ठगों ने जनता को निशाना शुरु कर दिया है। चुनाव आयोग की ओर से घर-घर जाकर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा फॉर्म भरवाने का काम किया जा रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया का फायदा उठाकर नकली कॉल करने वाले ठग लोगों को फोन कर ओटीपी मांग रहे हैं और उनके बैंक खाते खाली कर रहे हैं। वोटर लिस्ट से जुड़ी ऑनलाइन गतिविधियों के बढ़ने के साथ ही इस प्रकार के साइबर फ्रॉड मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनसे बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वोटर लिस्ट की जांच और सुधार के लिए एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिपोर्ट प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसके तहत बीएलओ आपके घर आकर वोटर फॉर्म भरते हैं, जिसमें आपका नाम, पता, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, आधार नंबर जैसी जानकारियां ली जाती हैं और जरूरत होने पर आपकी फोटो भी अपडेट की जाती है। इस प्रक्रिया की आड़ में साइबर ठग फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं और दावा करते हैं कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। भय पैदा करके वे कहते हैं कि आपका डेटा अपडेट हुआ है और इसके लिए एक ओटीपी भेजा जा रहा है, जिसे तुरंत बताना होगा। कई लोग घबराहट में ओटीपी बता देते हैं, जिसके बाद धोखेबाज यूपीआई, इंटरनेट बैंकिंग या ई-वॉलेट के जरिए उनके खातों से पैसे निकाल लेते हैं। ऐसी किसी भी कॉल पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। यदि कोई अनजान व्यक्ति ओटीपी मांगता है, चाहे वह खुद को सरकारी कर्मचारी ही क्यों न बताए, कॉल तुरंत काट दें। वोटर लिस्ट अपडेट की वास्तविक स्थिति जानने के लिए अपने बीएलओ से या स्थानीय चुनाव कार्यालय से संपर्क करना ही सही तरीका है। यदि गलती से ओटीपी दे भी दिया है और खाते से पैसा निकल गया है, तो समय बर्बाद किए बिना साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें या नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करें। जल्दी शिकायत करने पर फ्रॉड राशि वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है। बता दें चुनाव आयोग ने पहले भी स्पष्ट किया है कि कोई भी अधिकारी फोन पर ओटीपी, बैंक विवरण या निजी वित्तीय जानकारी नहीं मांगता। वोटर लिस्ट से संबंधित काम केवल आपके घर आने वाले बीएलओ द्वारा ही किया जाता है, न कि फोन कॉल के जरिए। इसलिए सतर्क रहना ही इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। खासकर बुजुर्गों और तकनीक की कम समझ रखने वाले लोगों को इस बारे में जागरूक करना ज़रूरी है, ताकि वे किसी भी धमकाने या भ्रमित करने वाली कॉल के झांसे में न आएं। अपनी निजी जानकारी सुरक्षित रखना ही साइबर अपराधों के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है। सिराज/ईएमएस 24नवंबर25