नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने स्टर्लिंग ग्रुप के प्रमोटर नितिन और चेतन संदेसरा को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि यदि वे 17 दिसंबर 2025 तक 5,100 करोड़ रुपये जमा कर देते हैं, तो उनके खिलाफ सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ और इनकम टैक्स की सभी आपराधिक कार्यवाहियां तथा जांच हमेशा के लिए बंद हो जाएंगी। जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ ने पिछले सप्ताह यह आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यह फैसला केवल इस मामले की विशेष परिस्थितियों में दिया गया है और इसे भविष्य में मिसाल नहीं बनाया जा सकता। 2017 में स्टर्लिंग ग्रुप पर सार्वजनिक बैंकों से करीब 12,000 करोड़ रुपये (1.7 बिलियन डॉलर) की धोखाधड़ी का आरोप लगा था। जांच में सामने आया कि लोन की राशि शेल कंपनियों के जरिए विदेश भेजी गई। आरोप लगते ही नितिन और चेतन संदेसरा देश छोड़कर फरार हो गए। 2018 में इन्हें विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के साथ 14 भगोड़े आर्थिक अपराधियों की सूची में डाला गया। सितंबर 2020 में चेतन की पत्नी दीप्ति संदेसरा और रिश्तेदार हितेश पटेल को भी फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर घोषित किया गया। ईडी के अनुसार, चारों पिछले आठ साल से नाइजीरिया, यूएई, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में छिपते रहे। ईडी ने इस मामले में 14,500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी, जिसमें भारत में 4,700 करोड़ और विदेशों में 9,778 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल थी। इनमें ऑयल रिग, जहाज, निजी विमान और विदेशी रियल एस्टेट थे। विदेशी संपत्तियों का बड़ा हिस्सा केवल कागजी कुर्की था और विदेशी एजेंसियों के असहयोग के कारण निपटान मुश्किल हो रहा था। संदेसरा परिवार पर ब्याज-जुर्माना सहित कुल बकाया 14,000 करोड़ रुपये से अधिक था। अब तक बैंकों ने विभिन्न जमा राशियों और दिवालियापन प्रक्रिया में संपत्ति बिक्री से करीब 4,600 करोड़ रुपये वसूल लिए थे। प्रस्तावित 5,100 करोड़ रुपये मिलने के बाद कुल वसूली 9,600 करोड़ रुपये हो जाएगी, जो सामान्य दिवालियापन मामलों में होने वाली 20 फीसदी रिकवरी की तुलना में बहुत अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि एजेंसियों द्वारा विदेशी फंडिंग पर लगाम और कुर्क संपत्तियों के निपटारे में आ रही दिक्कतों ने संदेसरा भाइयों को समझौते के लिए मजबूर किया। हालांकि कोर्ट ने इसे मिसाल न मानने को कहा है, फिर भी यह फैसला नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे अन्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों के मामलों में सेटलमेंट की नई संभावना खोल सकता है। वीरेंद्र/ईएमएस/25नवंबर2025