राष्ट्रीय
25-Nov-2025
...


नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली धमाके में जिस तरह से फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम आते पूरे देश के अल्संख्यक संस्थान निशाने पर आ गए हैं। अब राज्य सरकारें अपने-अपने अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर नजर रखेंगी कि वहां किसी तरह की संदिग्ध गतिविधियां तो नहीं चल रही हैं या फिर किसी तरह की संदिग्ध वित्तीय अनियमितताएं तो नहीं हो रही हैं। बता दें कि दिल्ली धमाकों के तार अबतक अल-फलाह के कम से कम तीन डॉक्टरों से सीधे तौर पर जुड़े पाए गए हैं। खुद फिदायीन हमलावर डॉ उमर उन नबी भी वहीं पढ़ाता था। बता दें कि अल-फलाह ग्रुप का फाउंडर और चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में है। जब, उसकी यूनिवर्सिटी के तीन डॉक्टरों का नाम टेरर मॉड्यूल के रूप में सामने आया तो कुछ ही दिन बाद ईडी ने इसे गिरफ्तार कर लिया। जवाद के ट्रस्ट से जुड़े करीब दो दर्जन ठिकानों पर ईडी छापा मार चुकी है। जवाद से जुड़ी यूएई की दो प्रॉपर्टी, यूके समेत विदेशी स्रोत से मिले हजारों डॉलर के फंड की जांच हो रही है। ईडी उन लोगों की भी तहकीकात कर रहा है, जो जवाद के लगातार संपर्क में रहे हैं। एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने बताया, राज्य सरकारों से कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान में नामांकन कराता है, जिसका अतीत संदेहास्पद रहा है, तो उन पर नजर रखें। यह भी कि अगर कोई संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, खासकर अगर वह स्टूडेंट्स के लिए मीडियेटर या हैंडलर के रूप में संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहा है और वह भी विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर से है तो उसको लेकर अलर्ट रहें। रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में इस तरह का फैसला लिया गया है। इस बैठक में एनआईए, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के बड़े अधिकारियों के साथ राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने आपस में विचार-विमर्श किया है। अब से राज्य सरकारों को जैसे ही अपने अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में किसी तरह की संदिग्ध गतिविधियों की भनक लगेगी, वह तुरंत केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट करेगा। अधिकारी का कहना है कि राज्य सरकारों को स्पष्ट तौर पर यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जांच-पड़ताल की वजह से उनके किसी भी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने पाए। उनके मुताबिक, हमारी एकमात्र कोशिश भविष्य में ऐसी किसी भी अप्रिय वारदात को रोकना है, किसी भी संस्था या व्यक्ति को टारगेट करना नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/25नवंबर2025