लखनऊ (ईएमएस)। तिब्बत के राष्ट्रपति पेम्पा त्सेरिंग ने कहा है कि तिब्बत प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल है, जो पूरे एशिया में लगभग दो अरब लोगों को जीवन देता है। लेकिन चीन बड़े पैमाने पर बांध निर्माण कर रहा है, जिससे भारत सहित डाउनस्ट्रीम देशों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। तिब्बत के राष्ट्रपति पेम्पा त्सेरिंग ने लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस मौके पर अपने सम्बोधन में कहा कि तिब्बती लिपि भारतीय गुप्त लिपि से विकसित हुई है और नालंदा परंपरा की बौद्ध शिक्षाओं को संरक्षित करने में तिब्बत की ऐतिहासिक भूमिका रही है। उनके अनुसार, ये सांस्कृतिक परंपराएं आज भी प्राचीन भारतीय ज्ञान का महत्वपूर्ण आधार बनी हुई हैं। तिब्बती राष्ट्रपति पेम्पा त्सेरिंग ने लंबे समय से मिले समर्थन के लिए भारत सरकार और भारतीय जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने दलाई लामा और चीन के बीच हुए 17 सूत्रीय समझौते, चीनी सरकार के साथ शांतिपूर्ण संवाद, हजारों तिब्बतियों के भारत में निर्वासन, सिक्योंग से निर्वासित तिब्बती प्रशासन के गठन, दलाई लामा के मार्गदर्शन में लोकतांत्रिक संस्थाओं के विकास तथा विभिन्न तिब्बती बस्तियों की स्थापना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चीन तेज़ी से तिब्बती बच्चों को बोर्डिंग स्कूलों में दाखिल कर रहा है और उन्हें चीनी भाषा अपनाने पर जोर दे रहा है। जितेन्द्र 25 नवम्बर 2025