राष्ट्रीय
25-Nov-2025


सेना सेक्युलर, इसमें अनुशासन सर्वोपरि -आर्मी की धार्मिक परेडों में शामिल होने से किया था मना नई दिल्ली(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय सेना के ईसाई अफसर सैमुअल कमलेसन की बर्खास्तगी को सही ठहराया। अफसर पर आरोप था कि उन्होंने अपनी रेजिमेंट की साप्ताहिक धार्मिक परेडों और मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने से इनकार किया था। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि यह आचरण गंभीर अनुशासनहीनता है और सेना जैसी संस्था में ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा कि आपने अपने सैनिकों की भावनाओं का सम्मान नहीं किया। आपको धार्मिक अहंकार इतना अधिक कि दूसरों की परवाह ही नहीं थी? इससे पहले 19 नवंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने भी माना था कि अफसर के व्यवहार से आचरण रेजीमेंट की एकजुटता, अनुशासन और सेक्युलर मूल्यों को नुकसान पहुंचा। कोर्ट ने सेना में ऐसे व्यवहार को युद्ध स्थितियों में नुकसानदेह बताया था। ईसाई धार्मिक मान्यता इसकी अनुमति नहीं देती अफसर सैमुअल कमलेसन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि उन्हें सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाला गया क्योंकि उन्होंने अपने पोस्टिंग वाले मंदिर के सबसे अंदर वाले हिस्से में जाने से मना कर दिया था। वकील ने बताया कि अफसर हर हफ्ते अपने सैनिकों के साथ मंदिर और गुरुद्वारे तक जाते थे, लेकिन पूजा, हवन या आरती के समय अंदर नहीं जाते थे, क्योंकि उनकी ईसाई धार्मिक मान्यता इसकी अनुमति नहीं देती। उनका कहना था कि वे अनुशासित अफसर हैं और बाकी सब काम ठीक से करते हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि उन्हें किसी देवी-देवता की पूजा करवाने या अनुष्ठान करने के लिए मजबूर न किया जाए। विनोद उपाध्याय / 25 नवम्बर, 2025