मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने 13 साल चली लड़ाई के बाद दिया आदेश पुणे,(ईएमएस)। पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर एक सड़क दुर्घटना में एक व्यापारी की साल 2012 में मौत हो गई थी। उनके परिजनों को करीब 13 साल की लंबी लड़ाई के बाद 18 करोड़ का मुआवजा दिया गया है। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने यह आदेश जारी किया है। यह मुआवजा एक बीमा कंपनी और ट्रक मालिक को संयुक्त रूप से देना होगा। मुआवजे की मूल राशि 10.9 करोड़ है। यह राशि याचिका दाखिल करने की तारीख 1 मार्च, 2016 से 7.5फीसदी प्रति वर्ष की दर से ब्याज समेत दी जाएगी। ब्याज को मिलाकर कुल मुआवजा 18 करोड़ से ज्यादा का हो गया है। बता दें दुर्घटना में मुंबई के व्यवसायी राजीव विनोद शाह की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी। राजीव शाह अपनी होंडा सिटी कार से मुंबई से पुणे जा रहे थे। तभी ट्रक ने एक अन्य कार को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद वह कार सड़क के डिवाइडर को तोड़ती हुई विपरीत दिशा में राजीव शाह की होंडा सिटी कार से टकरा गई। मृतक की कार का पीछे चल रही राज्य परिवहन निगम की एक बस ने भी शाह की कार को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। राजीव शाह के परिवार के छह सदस्यों ने न्यायाधिकरण के समक्ष दुर्घटना दावा याचिका दायर कर ब्याज समेत 17.4 करोड़ के मुआवजे की मांग की थी। न्यायाधिकरण ने ट्रक मालिक के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की क्योंकि वह सुनवाई के दौरान कभी पेश नहीं हुआ। बीमा कंपनी ने इस दावे का यह कहते हुए विरोध किया कि यह दुर्घटना तीनों वाहनों की संयुक्त लापरवाही के कारण हुई थी। सिराज/ईएमएस 26नवंबर25