मुंबई, (ईएमएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा किए जाने वाले इंस्पेक्शन की पहले से जानकारी देने के बदले करोड़ों की रिश्वत लेने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर कार्रवाई की। बताया गया है कि महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों में 15 जगहों पर छापे मारे गए। इसमें अलग-अलग राज्यों के सात मेडिकल कॉलेज शामिल हैं और इस मामले में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के पूर्व चेयरमैन और मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएस) के चांसलर डी.पी. सिंह समेत 36 लोगों पर केस दर्ज किया गया। सीबीआई ने सबसे पहले इस मामले में केस दर्ज किया था। अब ईडी ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ अधिकारी यह रैकेट चला रहे थे। स्वास्थ्य मंत्रालय से जानकारी और फाइलें लेकर फोटो खींचकर प्राइवेट कॉलेजों को भेजी जा रही थीं। इसलिए, जब भी इंस्पेक्शन टीम किसी कॉलेज में जाती, तो इन कॉलेजों के अधिकारियों को इसकी जानकारी पहले ही मिल जाती थी। इसके मुताबिक, इन कॉलेजों के अधिकारी वहां बोगस मरीज और बोगस कर्मचारी दिखाते थे। इससे इन कॉलेजों को अपने काम के लिए परमिशन मिलना आसान हो गया। इस जानकारी के बदले में मिनिस्ट्री और नेशनल मेडिकल कमीशन के बड़े अधिकारी लाखों रुपये की रिश्वत लेते थे। * स्कैम का खुलासा चंडीगढ़ के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को फेवरेबल रिपोर्ट देने के लिए आठ अधिकारियों ने कुल 55 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। इसमें नेशनल मेडिकल काउंसिल के 3 डॉक्टर भी शामिल थे। सीबीआई द्वारा इन सभी आठों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद इस देशव्यापी रैकेट का खुलासा हुआ। * रायपुर में सबसे ज़्यादा स्कैम इसमें रायपुर और नवा रायपुर के छह मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इसके अलावा, कर्नाटक, विशाखापत्तनम, वारंगल, हैदराबाद जैसे दक्षिण भारत के कुछ कॉलेजों के अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। * इन राज्यों में कार्रवाई महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 15 जगहों पर छापे मारे गए। 1) डी. पी. सिंह, वाइस चांसलर, (टीआईएस), मुंबई 2) रवि शंकर महाराज, इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर 3) डॉ. चित्रा एमएस, नेशनल मेडिकल कमीशन 4) डॉ. रजनी रेड्डी, नेशनल मेडिकल कमीशन 5) डॉ. अशोक शेलके, नेशनल मेडिकल कमीशन संजय/संतोष झा- २८ नवंबर/२०२५/ईएमएस